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गंगा दशहरा पर हर-हर गंगे के जयकारों से गूंजी धर्मनगरी

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : मां गंगा का अवतरण दिवस 'गंगा दशहरा' प्रभु श्रीराम की तपोभूमि मे

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 May 2018 10:44 PM (IST)Updated: Fri, 25 May 2018 03:02 AM (IST)
गंगा दशहरा पर हर-हर गंगे के जयकारों से गूंजी धर्मनगरी
गंगा दशहरा पर हर-हर गंगे के जयकारों से गूंजी धर्मनगरी

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : मां गंगा का अवतरण दिवस 'गंगा दशहरा' प्रभु श्रीराम की तपोभूमि में श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। साधु संतों ने विशाल शोभा यात्रा निकाली और मां मंदाकिनी का विधि विधान से पूजन अर्चन किया। देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी में डुबकी लगाई और भगवान मत्यगेंद्रनाथ पर जलाभिषेक किया। इस दौरान धर्मनगरी हर-हर गंगें के जयकारों से गूंजती रही।

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गंगा दशहरा पर कामदगिरि प्रमुख द्वार से रामनाम संकीर्तन शोभा यात्रा धूमधाम से शुरु हुई। गाजे -बाजे के साथ यह भव्य शोभा यात्रा विभिन्न मार्गों से होते हुए रामघाट पहुंची। यहां पर कामदगिरि प्रमुख द्वार के अधिकारी मदनगोपाल दास महाराज, निर्मोही अखाड़ा के महंत ओंकार दास महाराज, भरत मंदिर दिगंबर अखाड़ा के महंत दिव्यजीवन दास आदि संतों ने मां मंदाकिनी नदी का पूजन किया और मंदाकिनी को प्रदूषण मुक्त बनाने का संकल्प लिया। इसके पहले कामदगिरि प्रमुख द्वार में एकत्रित साधू -संतों ने भगवान कामतानाथ जी का पूजन -अर्चन किया। शोभा यात्रा में पंजाबी भगवान आश्रम के संत नागा दास महाराज, जानकीमहल के महंत सीताशरण महाराज, कामदगिरि पीठ के ट्रस्टी स्वामी राजीव लोचन दास, सुदर्शन दास, केशव दास, राम बालक दास, नंदकिशोर उर्फ भोले तिवारी और सेवक दास आदि दर्जनों साधू -संत शामिल हुए। संत मदनगोपाल दास ने कहा कि मंदाकिनी के बिना चित्रकूट का कोई अस्तित्व नहीं है। केंद्र और दोनों प्रदेशों की सरकारों को मंदाकिनी के संरक्षण की दिशा में ठोस कार्य योजना बना कर कार्य करने की जरूरत है। निर्मोही अखाड़ा के महंत ओंकार दास महाराज ने कहा कि मंदाकिनी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए संत समाज लोगों के बीच जनजागरण करेगा। भरत मंदिर के महंत दिव्यजीवन दास ने कहा कि गंगा दशमी पर मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। मंदाकिनी महोत्सव के संयोजक नंद किशोर तिवारी ने बताया कि महोत्सव में मंदाकिनी पूजन, महाआरती और शोभा यात्रा सहित मंदाकिनी की गोद में श्रीराम नाम संकीर्तन हुई।

विराज रुद्र महायज्ञ का समापन

रामायण मेला परिसर में चल रहे नौ दिवसीय विराट रुद्र महायज्ञ का गंगा दशहरा पर समापन हो गया। भिखारी भोले सेवा ट्रस्ट कसारी रामगढ़ सोनभद्र की ओर से आयोजित इस महायज्ञ में देश के कोने-कोने से साधु संतों व श्रद्धालुओं ने शिरकत की। संत भिक्षु भिखारी बाबा जंगलीदास महराज ने गुरुवार को महायज्ञ की पूर्ण आहूति के बाद विशाल भंडारा आयोजित किया। इसमें लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर दशरथ दास महराज, कुंदनदास महराज, चंद्रवली महराज, गुलाबदास, नंद महराज, वीरेंद्र बहादुर ¨सह, मुन्नादास, रामजी महराज, प्रकाश गोयल, महेश प्रसाद जायसवास सहित तमाम साधु संत मौजूद रहें। दूसरी ओर दिगंबर अखाड़ा भरत मंदिर रामघाट में चल रहे पार्थिव शिव¨लग निर्माण अनुष्ठान और श्रीराम कथा का भी समापन गंगा दशहरा को हो गया। इस मौके पर कश्यप पीठाधीश्वर राज राजेश्वरानंद महराज सहित मुख्य यजमान सुरेश गोस्वामी, कल्पना, अंजना व नंदन आदि मौजूद रहें।

बुंदेली सेना ने भी लिया मंदाकिनी स्वच्छता का संकल्प

गंगा दशहरा पर बुंदेली सेना ने भी मां मंदाकिनी को प्रदूषण मुक्त करने का संकल्प लिया। जिलाध्यक्ष अजीत ¨सह ने कहा कि मंदाकिनी की धार दिनों दिन टूट रही है। कई दिनों से शहर में दूषित पेयजल आपूर्ति हो रही है। नदी में कूड़ा करकट पालीथीन, मरे जानवर और गंदगी फेंकना बंद हो। नदी में गंदे नाले भी बंद होने चाहिए। मंदाकिनी की दुर्दशा के बारे में मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया गया है। मंदाकिनी को बचाने के लिए धर्मनगरी के साधु संतों के साथ जिले के जनप्रतिनिधियों को भी आगे आना चाहिए।


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