शोध से कृषि क्षेत्र में होगा सुधार, छात्रों को देंगे सीख
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : प्रभु श्रीराम की तपोभूमि में महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्या
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : प्रभु श्रीराम की तपोभूमि में महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय सतना में नेशनल साइंस एकेडमी इंडिया (नासी) के 88वें अधिवेशन व राष्ट्रीय वैज्ञानिक संगोष्ठी के अंतिम दिन विशेषज्ञों व वैज्ञानिकों ने कहा कि शोध से कृषि क्षेत्र में सुधार लाया जा सकता है। छात्र-छात्राओं को भी सीख देकर बदलाव लाएंगे। संगोष्ठी से विज्ञान के प्रति जागरूकता बढ़ रही है।
नासी अध्यक्ष पद्मविभूषण प्रो. अनिल काकोडकर ने वैज्ञानिको के अनुसंधान पर कहा कि इस दिशा में सार्थक प्रयास हो रहे हैं। अनुभवी प्राध्यापकों, युवा अनुसंधानकर्ताओं, वैज्ञानिकों को एक मंच पर लाना बड़ी बात है। उन्होंने उद्यमिता विद्यापीठ में संपन्न चिल्ड्रन साइंस मीट में कहा कि राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख से उनका व्यक्तिगत जुड़ाव रहा है।उनके कर्म क्षेत्र यूपी-एमपी के चित्रकूट क्षेत्र में 50 किलोमीटर की परिधि में हाई स्कूल व इंटरमीडिएट स्तर के छात्र-छात्राओं को विश्व स्तर के वैज्ञानिकों से सीख मिली। बच्चों को आगे भी सीख दी जाएगी। समापन सत्र में दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव डा. अभय महाजन, डा. यूसी श्रीवास्तव, डा. अखिलेश त्यागी और ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेश चन्द्र गौतम व नासी के प्रशासनिक सचिव डा. नीरज कुमार ने भी विचार रखे। नासी की पूर्व अध्यक्ष प्रो. मंजू शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय वैज्ञानिक संगोष्ठी और वार्षिक अधिवेशन के निर्णयों को संकलित कर सरकार को कार्य योजना के साथ भेजा जाएगा। इस अवसर पर वर्ष 2018 के नासी युवा वैज्ञानिक प्लेटिनम जुबली अवार्ड, स्वर्ण जंयती पुरस्कार, ¨स्पगर युवा वैज्ञानिक अवार्ड भी दिए गए। हिमालय की वनस्पतियां जैव विविधता के लिए अहम
अंतिम दिन नासी रिलायंस अवार्ड से सम्मानित देश के प्रख्यात वैज्ञानिकों आईआईएससी बंगलौर के प्रो. कांता भट्ट, आइआइटी मुंबई के प्रो. रोहित श्रीवास्तव, बीएचयू बनारस के प्रो. प्राले मैथी ने भौतिकीय विज्ञान, जैविकीय विज्ञान पर थांजौर के डा. सी आनन्द धर्मा, मानेश्वर के प्रो. नन्दनीय चटर्जी ¨सह व कोलकाता के डा. पुलक कुमार मुखर्जी ने विचार रखे। विशेष आमंत्रण व्याख्यानों की श्रंखला में मानेश्वर ग्लोबल यूनिवर्सिटी भोपाल के कुलपति प्रो. अरुण कुमार पाण्डेय ने हिमालय में मिलने वाली वनस्पतियों की जैव विविधता पर प्रकाश डाला। रीवां विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. सत्यदेव ने गणितीय विज्ञान में प्रामाणिकता की भूमिका पर विचार रखे। सांस्कृतिक प्रस्तुति की सराहना
तीन दिवसीय अधिवेशन में विश्वविद्यालय के वी. म्यूज के छात्र-छात्राओं ने गीत व नृत्य के मनमोहक कार्यक्रम पेश किए। श्री सद्गुरू सेवा संघ ट्रस्ट चित्रकूट के नर्सिंग की छात्राओं ने डांडिया नृत्य, जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने संगीत व यौगिक प्रस्तुति दी। अछ्वुत प्रस्तुति के रूप में बुंदेलखंड का प्रसिद्ध दिवारी लोक नृत्य 25 सदस्यों के दल के साथ बकेश पाल ने पेश किया।