हैंडपंप बो¨रग में हुई गड़बड़ी की जांच के लिए गिने जाएंगे पाइप
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : प्रतिवर्ष पेयजल संकट से निपटने के लिए करोड़ों रुपये फूंक दिए ज
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : प्रतिवर्ष पेयजल संकट से निपटने के लिए करोड़ों रुपये फूंक दिए जाते हैं लेकिन गर्मी आते ही तमाम हैंडपंप दम तोड़ देते हैं। मौजूदा वित्तीय वर्ष में भी त्वरित आर्थिक विकास योजना से जिले के पांचों ब्लाक में 1.20 करोड़ रुपये खर्च कर 200 नए हैंडपंप विधायकों की संस्तुति पर अलग-अलग ब्लॉक क्षेत्रों में लगाए गए हैं। हैंडपंप लगाने में जल निगम के ठेकेदारों के गड़बड़ी करने की शिकायतों को डीएम ने संज्ञान लिया है। अब उनकी सख्ती के बाद बो¨रग की कमियां देखने के लिए डाले गए पाइप गिने जाएंगे। इसके लिए अलग-अलग ब्लाक में रैंडम जांच की जाएगी।
एक-एक हैंडपंप का सत्यापन
जिलाधिकारी ने हैंडपंपों की बो¨रग के लिए डाले गए पाइप दिखवाने के साथ एक-एक की जांच जिला विकास अधिकारी को सौंपी है। इनका मौके पर सत्यापन भी किया जाएगा। पांच दिन के अंतराल में सभी हैंडपंप की रिपोर्ट मांगी गई है। इसके लिए किसान सहायकों और ब्लाक सोशल को-आर्डिनेटर की टीम बनाई गई है। वह एक-एक हैंडपंप का भौतिक सत्यापन करेंगे। साथ में जहां पर गड़बड़ी की संभावना होगी, उसकी रिपोर्ट प्रशासन को देंगे। जरूरत पर इस्टीमेट के हिसाब से रैंडम हैंडपंप खोलकर पाइप की गिनती होगी। गड़बड़ी मिलने पर संबंधित जेई के खिलाफ कार्रवाई होगी।
ब्लाक वार मानक
ब्लाक गहराई
कर्वी-पहाड़ी : 40 से 45 मीटर
मऊ-मानिकपुर : 90-100 मीटर
रामनगर : 60-70 मीटर
''विधायकों की संस्तुति पर लगाए गए हैंडपंपों के सत्यापन की शुरुआत कराई है। कुछ जगह शिकायतें आने पर यह फैसला लिया गया है। जरूरत पर पाइप खोलकर गिने जाएंगे ताकि हकीकत सामने आ सके। - विशाख जी, जिलाधिकारी चित्रकूट।
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''प्रत्येक ब्लाक में टीमें जांच को लगा दी गई हैं। वह पांच दिन में अपनी रिपोर्ट देंगी। इसके बाद रैंडम जांच कर पाइप गिनने का काम होगा। विकास कार्यों में कोई भी गड़बड़ी करने वाले अब नहीं बचेंगे। - आरके त्रिपाठी, जिला विकास अधिकारी चित्रकूट।