अब बदलेगी चित्रकूट धाम की तस्वीर
जागरण संवाददाता चित्रकूट धार्मिक पर्यटन के नजरिये से चित्रकूट धाम प्रदेश का सबसे महत्वपूण
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : धार्मिक पर्यटन के नजरिये से चित्रकूट धाम प्रदेश का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र है। इसलिए अब यहां अनियोजित विकास रोकने की कवायद चित्रकूट विशेष विकास क्षेत्र प्राधिकरण ने शुरू की है। वर्ष 2001 में प्राधिकरण की तरफ से बनाई गई योजना में महज दस हजार आबादी का अनुमान कर 177.87 हेक्टेयर क्षेत्रफल में विकास कार्य प्रस्तावित थे। वर्तमान में आबादी एक लाख से अधिक पहुंचने के कारण झांसी संभागीय नियोजन खंड, नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग ने चित्रकूटधाम महायोजना-2021 का खाका खींचा है। इससे बड़े बदलाव जल्द दिखाई पड़ेंगे।
सात अप्रैल तक मांगे सुझाव
वर्ष 2021 तक क्षेत्र की अपेक्षित जनसंख्या 1.18 लाख के लिए मूलभूत आवासीय, व्यावसायिक, अन्य सामुदायिक सुविधाओं और दूसरी सेवाओं के लिए जमीन का आकलन करते हुए प्रस्ताव बनाया गया है। हालांकि वर्ष 2010 में तैयार की गई महायोजना को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है। बार-बार प्रस्ताव व सुझाव मांगे जा रहे हैं। अब फिर आठ मार्च से सात अप्रैल तक का समय देकर सुझाव व आपत्तियां मांगी हैं। इसके बाद योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।
महायोजना में यह इलाके किए शामिल
नगर पालिका चित्रकूट धाम कर्वी समेत सीतापुर माफी, संग्रामपुर, खोही, चक भूपत, बंदर कोल, लोहासर चक, चितरा गोकुलपुर, रानीपुर भट्ट, अहमदगंज, डिलौरा, बरामपुर, तरौंहा खास, गढ़ीवा, बनाड़ी, पथरौड़ी, भरथोल, बिहारा मजरा, परसौली माफी, रानीपुर माफी, शिवरामपुर, भभई, खुटहा, चकला राजरानी, कसहाई, बरकोल, बनवारीपुर, नारायणपुर, चंद्रगना, चकमाली, गोबरिया, अमानपुर, कपसेठी, बनकट, बंधोइन, कर्वीमाफी, सपहा, कोल गदहिया, खोह, सिद्धपुर, मड़ैयन, भरतकूप और कटरा गूदर। चित्रकूटधाम महायोजना -2021
1371.16 हेक्टेयर भूमि का प्रस्ताव
1.18 लाख अनुमानित जनसंख्या
43 और राजस्व गांव के साथ नगर पालिका यह होंगे फायदे
-प्लाटिग के साथ भवन निर्माण में आएगी बेहतरी।
-जल निकासी, सीवरेज के लिए इंतजाम होंगे बेहतर।
-सड़क निर्माण, लॉज होटल बनाने में होगी आसानी।
-सुनियोजित ढंग से विकास कार्यों को मिलेगा बल।
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क्या कहते हैं अधिकारी
चित्रकूटधाम की महायोजना तैयार हो गई है। इसमें अंतिम सुझाव व आपत्तियां लोगों से मांगी गई हैं। इसके लिए विकास प्राधिकरण कार्यालय में प्रदर्शनी भी लगी है। एक माह बाद अंतिम मुहर लगाई जाएगी।
- प्रवीण वर्मा, सचिव, चित्रकूट विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण