मानिकपुर में मुंबई-हावड़ा रेल मार्ग पर हादसा, पवन एक्सप्रेस से टकराई भैंस, 45 मिनट रुकी रही ट्रेन
मुंबई-हावड़ा रेल मार्ग पर मानिकपुर के नजदीक पवन एक्सप्रेस एक भैंस से टकरा गई। इस हादसे में ट्रेन को नुकसान पहुंचा और वह 45 मिनट तक रुकी रही। रेलवे कर्मचारियों ने तुरंत मरम्मत कार्य शुरू किया, जिसके बाद ट्रेन को रवाना किया गया। इस घटना से यात्रियों को असुविधा हुई।

संवाद सहयोगी, जागरण, मानिकपुर (चित्रकूट)। मुंबई-हावड़ा रेल मार्ग में मानिकपुर पनहाई सेक्शन में बुधवार सुबह एक बड़ा हादसा टल गया। सुबह करीब 7:35 बजे मानिकपुर से प्रयागराज की ओर जा रही लोकमान्य तिलक टर्मिनस–मुजफ्फरपुर पवन एक्सप्रेस खंभा संख्या 1258 के पास ट्रैक पर आई भैंस से टकरा गई। टक्कर इतनी तेज थी कि ट्रेन के इंजन का कंप्रेशर पाइप टूट गया और ट्रेन मौके पर ही रुक गई।
हालांकि हादसे के दौरान झटका लगने से यात्रियों में खलबली मच गई। ट्रेन चालक ने तुरंत घटना की सूचना उच्च अधिकारियों को दी। सूचना मिलते ही मानिकपुर के स्थानीय रेलकर्मी और इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने ट्रैक से भैंस को हटवाया और क्षतिग्रस्त पाइप की मरम्मत कराई। मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद ट्रेन सुबह 8:25 बजे दोबारा रवाना की गई। स्टेशन प्रबंधक शिवेश मालवीय ने बताया कि भैंस से टक्कर के कारण ट्रेन करीब 45 मिनट देरी से चली। इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे रेल यातायात प्रभावित हो रहा है और किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है।
गौरतलब है कि एक सप्ताह में यह दूसरी घटना है। पिछले बुधवार दोपहर 1:10 बजे ओहन-मानिकपुर स्टेशन के बीच कानपुर-मानिकपुर मेमू से गोवंशी का झुंड टकरा गया। हादसे में चार गोवंशी की मौत हो गई। घटना में ट्रेन का प्रेशर पाइप फटने से ट्रेन रोकनी पड़ी। इसके चलते करीब साढ़े तीन घंटे तक झांसी रेल मार्ग पर ट्रेनों का आवागमन बाधित रहा। ऐसे में यात्रियों को परेशान होना पड़ा। चित्रकूटधाम कर्वी स्टेशन से भेजे गए मालगाड़ी के इंजन से मेमू को मानिकपुर जंक्शन तक लाया गया, जहां प्रेशर पाइप को ठीक किया गया। शाम 5:10 बजे स्थिति सामान्य हो सकी। चित्रकूटधाम कर्वी के स्टेशन प्रबंधक सुरेश कुमार ने बताया कि चित्रकूट-कानपुर इंटरसिटी समेत चार ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ।
पिछले महीने भी कमायनी एक्सप्रेस से दो भैंस टकराई थीं। स्थानीय लोगों ने रेलवे प्रशासन से मांग की है कि ट्रैक किनारे घूम रहे बेसहारा पशुओं को हटाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में कोई गंभीर हादसा न हो।

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