Move to Jagran APP

खुले आसमान तले अन्ना पशु, खाली पेट बेहाल

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : अन्ना पशुओं से किसानों को निजात दिलाने के लिए जिला प्रशासन ने पह

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 10:29 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 10:29 PM (IST)
खुले आसमान तले अन्ना पशु, खाली पेट बेहाल
खुले आसमान तले अन्ना पशु, खाली पेट बेहाल

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : अन्ना पशुओं से किसानों को निजात दिलाने के लिए जिला प्रशासन ने पहल कर अस्थायी पशुबाड़ा निर्मित कराए, पर चारा-पानी का इंतजाम जन सहयोग के भरोसे होने से दिक्कतें हैं। खुले आसमान तले ठंड में जानवर ठिठुर रहे हैं। कई-कई दिन तक खाली पेट भी रहते हैं। हालांकि अब चारा-पानी का इंतजाम करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। इससे जल्द राहत की उम्मीद है।

loksabha election banner

7,500 अन्ना पशु पहुंचे बाड़ों में

नगरीय क्षेत्र मानिकपुर में एक ओर 53 अस्थायी पशुबाड़ा ग्रामीण इलाकों में बने हैं। इनमें अब तक 7,500 अन्ना पशु रखे जा चुके हैं। प्राथमिक विद्यालय बगलई शिवरामपुर के पशुबाड़ा में दो-तीन दिन से चारा नहीं मिलने के कारण ग्रामीणों ने मदद पहुंचाई है। हालांकि यहां चरही में अब तक पानी गंदा है। ऐसे हालात कई दूसरी जगहों पर हैं। जानकारी के बाद प्रशासनिक तंत्र सुधार में जुट गया है। यह इंतजाम होने से मिलेगी राहत

चार स्थायी पशु केंद्र मऊ टिटिहरा, बसिला, गढ़वा व बिसौंधा में बन रहे हैं जबकि अरछा बरेठी में जमीन का मामला कोर्ट में होने से दिक्कतें हैं। शोभन सरकार गोशाला ऐंचवारा, नंदी गोशाला अगरहुड़ा रैपुरा के सुदृढ़ीकरण का काम तेज है। तीन स्थायी पशुबाड़ा में दो सांसद निधि से कौबरा मानिकपुर, छीबों राम नगर और एक कटैया डांडी मऊ में डीएम के क्रिटिकल गैप फंड से निर्माण तेज है। इनमें एक-एक हजार अन्ना पशु बांधे जाएंगे। एक गो-संवर्धन केंद्र के लिए छीबों में जमीन तलाशी जा चुकी है।

सख्ती से कम हुए अन्ना जानवर

प्रशासन व शासन ने अन्ना जानवरों के नाम पर घरों पर बंधे पशुओं को छोड़ने को लेकर सख्त रुख अख्तियार किया है। इससे अब किसान परहेज करने लगे हैं। जिला प्रशासन के आंकड़े में करीब 20 हजार असली अन्ना पशु हैं। बाकी लोग छोड़ देते थे लेकिन अब संख्या घटी है। क्या कहते हैं अधिकारी

अन्ना जानवरों की देखरेख जनता के सहयोग से हो रही है। शासन से प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने पर इंतजाम इसी माह बेहतर होंगे। जल्द बदलाव दिखाई पड़ने लगेगा।

- डॉ. सुधीर ¨सह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी चित्रकूट


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.