पौराणिक भरतकूप का होगा कायाकल्प
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : प्रभु श्रीराम की तपोभूमि के पौराणिक स्थल भरतकूप का प्रदेश सरक
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : प्रभु श्रीराम की तपोभूमि के पौराणिक स्थल भरतकूप का प्रदेश सरकार कायाकल्प करेगी। जिसका खाका ¨खच चुका है और सरकार से वित्तीय स्वीकृति मिलने की देरी है। करीब एक करोड़ रूपये से भरतकूप मंदिर में पर्यटन विकास के तमाम कार्य कराए जाएंगे।
चित्रकूट का पश्चिमी प्रवेश द्वार
चौरासी कोस में फैले चित्रकूट का पश्चिमी प्रवेश द्वार भरतकूप को माना जाता है, चित्रकूट आने वाले अधिकांश लोग यहां पर जरूर जाते हैं लेकिन यहां पर सुविधाओं का काफी अभाव है जिससे पर्यटकों को काफी दिक्कतें होती हैं। हालांकि यहां पर पहले दो यात्री शेड़ और एक सामुदायिक शौचालय बना था लेकिन वह काफी बदहाल हैं। जिसको देखते हुए पर्यटन विभाग ने इस मंदिर के विकास का खाका खींचा है। जिसका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है। यह होंगे कार्य
- मंदिर परिसर का समतलीकरण कराकर रेड स्टोन लगाया जाएगा
- परिसर में प्रकाश हेतु लगेंगी सोलर लाइटें, बनेगा सोलर पैनल
- पौराणिक कूप के मंदिर के आकार का खंडीय टीन शेड़
- यात्रीशेड़ों का होगा जीर्णोद्धार भरतकूप का महात्म
भरतकूप मंदिर में एक पौराणिक कूप है जो रामचरित मानस में वर्णित है। श्रीराम चौदह साल का वनवास काटने के लिए चित्रकूट आए थे। भरत जी अयोध्या की जनता के साथ राम को मनाने चित्रकूट आए थे। साथ में प्रभु का राज्याभिषेक करने को समस्त तीर्थो की जल भी लाए थे लेकिन भगवान राम वनवास में रहने को ²ढ़ प्रतिज्ञ थे। राम जी नहीं लौटे तब भरत जी जो जल व सामग्री प्रभु के राज्याभिषेक को लाए थे उसको इसी कूप में छोड़ दिया था और भगवान राम की खड़ाऊ लेकर लौट गए थे। इस कूप में स्नान से समस्त तीर्थो का पुण्य मिलता है।
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'भरतकूप में राज्य योजना से पर्यटन विकास किया जाएगा। जिसके लिए करीब एक करोड़ रूपये का प्रोजेक्ट बनाकर शासन को भेजा गया है।' शक्ति ¨सह-क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी चित्र