Move to Jagran APP

झारखंडी माता मंदिर तरौंहा, कर्वी

चित्रकूट : जिला मुख्यालय कर्वी के मोहल्ला तरौंहा स्थित मां झारखंडी माता मंदिर का काफी महत्व

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Oct 2018 11:00 PM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 11:00 PM (IST)
झारखंडी माता मंदिर तरौंहा, कर्वी
झारखंडी माता मंदिर तरौंहा, कर्वी

चित्रकूट : जिला मुख्यालय कर्वी के मोहल्ला तरौंहा स्थित मां झारखंडी माता मंदिर का काफी महत्व है। मान्यता है कि यहां पर सभी की मुराद पूरी होती हैं। शारदीय व चैत्र नवरात्र में नौ दिन देवी भक्तों का तांता लगा रहता है। वैसे, पूरे साल यहां पर लोग अपनी मुरादें लेकर आते हैं। पहले यहां पर कोई संसाधन नहीं थे लेकिन अब पक्का रास्ता बन गया है। धीरे-धीरे भक्तों की पहल से जीर्णोद्धार का काम तेज है। मंदिर का इतिहास

loksabha election banner

झारखंडी माता मंदिर में स्थापित मां भगवती के बारे में मान्यता है कि राजा जनक ने यहां पर पूजा की थी। सतयुग में स्थापित किए गए मंदिर में माता नेपाल से चलकर यहां तक जमीन के अंदर से आई थीं। इसके बाद यहां पर प्रकट हुईं। राजा जनक भगवान राम से मिलने आने के समय यहीं पर रुके थे। यहां उन्होंने भंडारा कर लोगों को प्रसाद भी वितरित किया था। दक्षिण मुखी देवी की आराधना के लिए दूर-दराज से भक्त यहां पहुंचते हैं। ऐसे पहुंचें मंदिर

चित्रकूटधाम कर्वी रेलवे स्टेशन या बस अड्डे पर उतरकर झांसी-मीरजापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंदाकिनी पुल से पहले ही पुरानी कोतवाली चौराहा से सीधे तरौंहा के लिए रास्ता गया है। करीब दो किलोमीटर चलने के बाद तरौंहा पहुंचने पर मां के दर्शन किए जा सकते हैं। यहां रेलवे स्टेशन व बस अड्डे से पैदल भी पहुंचा जा सकता है। जिले का यह सबसे पुराना शक्तिपीठ है। 35 साल से वह पूजा अर्चना कर रही हैं जबकि इससे पहले उनके पूर्वज यहां के पुजारी थे। सच्चे मन से अपनी मुरादें लेकर आने वालों को माता ने कभी निराश नहीं लौटाया है।

-संतोष कुमारी, मंदिर की पुजारी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.