चित्रकूट में सिकुड़ी सड़कों से मौत के गाल समा रहीं जिदगी
जागरण संवाददाता चित्रकूट बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और डिफेंस कोरीडोर से औद्योगिक संभावनाओ
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और डिफेंस कोरीडोर से औद्योगिक संभावनाओं को लेकर आगे बढ़ रही आध्यात्मिक नगरी चित्रकूट में सिकुड़ी सड़के हर साल करीब सौ जिदगी लील रही हैं। जिस गति से यहां पर वाहनों के संख्या बढ़ी है सड़कों का चौड़ीकरण नहीं हुआ। आज भी जिले से गुजरने वाला सौ किलोमीटर लंबा हाईव फोरलेन नहीं बना। ऐसे ही अन्य जिले की सड़कें हैं जिसमें आए दिन हादसे होते हैं। मंगलवार को ही बाइक सवार को बचाने में बस हाईवे में पेड़ से टकरा गई।
जिले के मुख्य मार्ग झांसी मीरजापुर हाईवे और कर्वी राजापुर हाईवे हैं दोनों ही हाईवे फतेहपुर, प्रयागराज और प्रतापगढ़ को जोड़ते हैं। प्रतिदिन इन मार्ग से करीब एक हजार बड़े वाहनों का आना जाना होता है। खास कर खनिज सामग्री लेकर ट्रैक निकलते हैं। बिना डिवाइडर के दोहरे हाईवे में थोड़ी सी चूक में बाइक सवार व छोटी गाड़ियां हादसे का शिकार हो जाती हैं। आंकड़े के मुताबिक 2018 से अक्टूबर 2020 तक 664 सड़क हादसे हो चुके हैं। इनमें 290 लोगों की मौत और 523 लोग घायल हो चुके हैं।
हादसे के यह भी कारण
- जिले की बरगढ़ घाटी व शिवरामपुर में अंधे मोड़
- आबादी क्षेत्र में वाहनों का अधिक गति
- ढाबों में सड़क किनारे वाहनों की पार्किंग
- बिना हेलमेट बाइक से फर्राटा भरना
- नो इंट्री का पालन नहीं होना
- डग्गामार वाहनों में सवारी लटकाना
- वाहनों में मानक से अधिक सवारी भरना
- कृषि कार्य की ट्रैक्टर ट्राली में लोगों का सफर करना
आंकड़े की नजर
- तीन साल में हादसे : 664
- मौतें : 290
- घायल : 523