आइआइटी ने महिलाओं को दी 'उड़ान'
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : आइआइटी मुंबई ने ग्रामीण महिलाओं का हाथ थामकर उनके सपनों
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : आइआइटी मुंबई ने ग्रामीण महिलाओं का हाथ थामकर उनके सपनों को नई 'उड़ान' दी है। मुंबई के इंजीनियरों ने ग्राम समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार का रास्ता दिखाया है। अब ये महिलाएं एलईडी लैंप बनाकर खुद के साथ दूसरों की जिंदगी से अंधेरा दूर करेंगी। ये लैंप परिषदीय विद्यालय के छात्र-छात्राओं को बहुत ही कम दामों में उपलब्ध कराया जाएगा।
भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, आइआइटी मुंबई और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के संयुक्त प्रयास से महिलाओं के जीवन में यह बदलाव संभव हुआ है। इनको सौर ऊर्जा लैंप (एलईडी) बनाने का प्रशिक्षण पांच दिन तक प्रशिक्षकों ने दिया है। इसमें पहाड़ी व मानिकपुर विकास खंडों की 43-43 महिलाओं ने हिस्सा लिया। अब यह निर्माण से लेकर मार्केटिंग तक की जिम्मेदारी संभालेंगी।
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कर सकेंगी अच्छी कमाई
ग्राम समूह को आर्थिक रूप से मजबूती भी मिलेगी। लैंप बनाने और बेचने में उनका कमीशन तय है। सरकार ने एक लैंप की कीमत 700 रुपये आंकी है, लेकिन सब्सिडी के रूप में 600 रुपये का मैटेरियल उनको मिलेगा। एसेंबल करने में खर्च 100 रुपये माना गया है। इसमें 12 रुपये बनाने और 17 रुपये बेचने वाली महिला को मिलेगा। पहाड़ी, मानिकपुर के बाद अगले चरण में कर्वी, राम नगर और मऊ विकास खंड से भी महिलाएं इसका हिस्सा बनेंगी।
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महिलाओं का सामाजिक स्तर ऊपर उठेगा
पहले ग्राम समूह को गठन होने पर रोजगार की व्यवस्था कम थी। अब अब सरकार महिलाओं को प्रशिक्षण देकर हुनरमंद बना रही है। इससे उनका सामाजिक जीवन स्तर ऊपर उठने लगा है।
-रामउदरेज यादव, जिला को-ऑर्डिनेटर, ग्रामीण आजीविका मिशन, चित्रकूट