कागजों पर हरियाली, धरती अभी भी खाली
²श्य-एक : चिराग तले अंधेरा प्रभागीय वन अधिकारी कार्यालय कर्वी परिसर में अधिकारी कक्ष के
²श्य-एक : चिराग तले अंधेरा
प्रभागीय वन अधिकारी कार्यालय कर्वी परिसर में अधिकारी कक्ष के ठीक बगल में लगा पेड़ अर्से पहले सूख चुका है। जिन पर पौधे लगाने व उनके संरक्षण का जिम्मा है। वहां की ये हालत है तो बाकी की स्थिति क्या होगी अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं। प्रभागीय वन अधिकारी कैलाश प्रकाश कहते हैं कि सूखे पौधे की जगह दूसरा लगाया गया है। ²श्य-दो : तहसील का पार्क उजाड़, सूखे पौधे
झांसी-मिर्जापुर हाईवे से सटे तहसील भवन में तहसीलदार आवास के पास पार्क में तकरीबन दो सौ पौधे लगाने का दावा किया गया था। वर्तमान में यह पूरी तरह उजड़ा नजर आ रहा है। अधिकांश पौधे लकड़ी के डंठल बन चुके हैं। दरवाजा खुला होने के कारण जानवर अंदर जाकर पौधों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। एसडीएम इंदु प्रकाश का कहना है गुरुवार को मौके पर जाकर पड़ताल करेंगे। ²श्य-तीन : कृषि भवन में लगे दस पेड़
उप निदेशक कृषि कार्यालय अर्थात कृषि भवन में भी पौधरोपण के नाम पर महज खानापूरी ही की गई। यहां गिनती के दस पौधे लगे मिले, उनमें भी चार से छह संरक्षण के अभाव में सूखने की कगार पर हैं। रखरखाव का कोई इंतजाम नहीं है। उप निदेशक कहते हैं कि गांव-गांव किसानों को पौधे बांटकर लगवाए गए हैं। जागरण संवाददाता, चित्रकूट : यह कुछ स्थान तो महज बानगी भर हैं। जिले में वन विभाग के दावे से जमीनी हकीकत पूरी तरह विपरीत है। यहां भले लाखों पौधे लगाने की बात कही जा रही हो लेकिन विभागों का लक्ष्य अधूरा ही नजर आ रहा है।
इस वर्ष वन विभाग को 11 लाख 14 हजार पौधे रोपने का लक्ष्य दिया गया था। दावा ये किया जा रहा है कि 11 लाख 23 हजार पौधे रोपे गए लेकिन ये इलाके में कहीं नजर ही नहीं आ रहे। न तो स्कूलों में ठीक ढंग से पौधरोपण किया गया और न ही सरकारी विभागों ने अपनी जिम्मेदारी निभाई। अब विभाग पड़ताल करने की बात कह रहा है। जिले में कुछ प्रमुख विभागों का लक्ष्य
वन विभाग : 7,30,340
लोक निर्माण विभाग : 13,053
¨सचाई विभाग : 12,345
उप निदेशक कृषि : 30,034
ग्राम्य विकास विभाग : 3,64,480
इनका कहना है
वन विभाग ने अलग-अलग वन क्षेत्र में सात लाख पौधे लगाए हैं। अन्य पौधे रोपने का जिम्मा बाकी विभागों को दिया गया था। सभी ने पौधे लगाने की रिपोर्ट दी है। जमीनी स्तर पर पड़ताल कर हकीकत देखेंगे व रिपोर्ट तैयार करेंगे।
-कैलाश प्रकाश, प्रभागीय वन अधिकारी चित्रकूट।