चार घंटे बाद मिली एंबुलेंस, नवजात की मौत
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जागरण संवाददाता, चित्रकूट :
जिले में शुक्रवार रात एक बार फिर एंबुलेंस न मिलने के कारण एक और जान चली गई। सीएचसी शिवरामपुर में जन्मे नवजात की हालत गंभीर देख जिला अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली। परिजन ने हंगामा किया तो चार घंटे के बाद एंबुलेंस से नवजात जिला अस्पताल को पहुंचाया गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। नवजात की सांसें थम चुकी थीं। नाराज ग्रामीणों ने एंबुलेंस के संविदा चालक को पीट दिया। सीएमओ ने भी उसे बर्खास्त कर दिया।
कर्वी कोतवाली अंतर्गत काजीपुर मजरा अमिलिहा भरतकूप निवासी अजय पटेल की पत्नी तुलसा देवी (25) करीब चार माह से मायके खोहपुरवा मजरा मानपुर में रह रही हैं। शुक्रवार शाम चार बजे उन्हें प्रसव पीड़ा पर परिजन ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवरामपुर में भर्ती कराया। ढाई घंटे बाद उन्होंने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन नवजात की हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने जिला चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया। परिजन चार घटे तक एंबुलेंस की मांग करते रहे, मगर कोई फर्क नहीं पड़ा। आरोप है, अस्पताल में दो एंबुलेंस खड़ी होने के बाद भी मुहैया नहीं कराई गई। परिजन ने जब हंगामा किया तो रात 10 बजे एंबुलेंस से जच्चा-बच्चा को जिला अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने नवजात को मृत घोषित कर दिया। सीएमओ डॉ. राजेंद्र ¨सह ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद संविदा एंबुलेंस चालक को निकाल दिया गया है। जांच कराएंगे, जरूरत पड़ी तो रिपोर्ट भी दर्ज कराई जाएगी।
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पहले भी हो चुकी मौतें
एंबुलेंस नहीं मिलने से जिले में पहले भी आधा दर्जन से अधिक जच्चा-बच्चा की मौतें हो चुकी हैं। मऊ, मानिकपुर व राजपुर से लेकर कर्वी तहसील के ग्रामीण इलाके समस्या से दो-चार होते हैं। शुक्रवार को बागे नदी में डूबे बच्चों को बचाने में भी एंबुलेंस की लापरवाही भारी पड़ी। इसी तरह पहले भी घटनाएं हुईं पर स्वास्थ्य महकमे पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।