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चित्रकूट की हवाई उड़ान पर वन मंत्रालय का 'ब्रेक'

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : करोड़ों लोगों की आस्था के केंद्र चित्रकूट की हवाई उड़ान पर

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 07:03 PM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 07:03 PM (IST)
चित्रकूट की हवाई उड़ान पर वन मंत्रालय का 'ब्रेक'
चित्रकूट की हवाई उड़ान पर वन मंत्रालय का 'ब्रेक'

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : करोड़ों लोगों की आस्था के केंद्र चित्रकूट की हवाई उड़ान पर केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने 'ब्रेक' लगा दिए हैं। तकरीबन डेढ़ साल से अनापत्ति प्रमाण पत्र की फाइल दिल्ली में हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रही है, मगर इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा।

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चित्रकूट में हवाई सेवा शुरू करने की पहल पर प्रस्ताव तैयार किया गया था। 2015 में हवाई पट्टी को साढ़े तीन किलोमीटर की करने का काम शुरू हुआ। इसके लिए 92.66 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए। 48 करोड़ रुपये आवंटित भी कर दिए गए। 2017 तक सवा किलोमीटर हवाई पट्टी का निर्माण होने के बाद बीच में कुछ पेड़ आ गए। इन्हें हटाने के लिए वन मंत्रालय से एनओसी ली जानी है, जिसकी फाइल डेढ़ साल से अटकी पड़ी है। वो भी तब, जब जिला प्रशासन वन विभाग की जमीन के एवज में नई जमीन उपलब्ध करा चुका है।

हवाई पट्टी का काम ठप

जिला मुख्यालय कर्वी से करीब छह किलोमीटर दूर देवांगना घाटी के ऊपरी हिस्से पर तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सितंबर 2013 में डेढ़ किलोमीटर की पुरानी हवाई पट्टी का लोकार्पण किया था। इसमें कुछ निजी विमान उतरे। इसके बाद समस्या होने लगी। इस पर वर्ष 2015 में साढ़े तीन किलोमीटर की नई हवाई पट्टी बनाने को हरी झंडी मिली थी, जिसका काम ठप है। पुरानी हवाई पट्टी, टर्मिनल कक्ष से लेकर बाकी जगह धूल की परतें जम रही हैं।

वाराणसी व प्रयागराज से जोड़ने की तैयारी

चित्रकूट की हवाई सेवा को वाराणसी व प्रयागराज से भी सीधे जोड़ने की योजना थी। इससे चित्रकूट आने वाले पर्यटकों को प्रयागराज, बाबा विश्वनाथ दरबार जाने में आसानी होती।

नवंबर माह में मिलने की संभावना

प्रभागीय वन अधिकारी कैलाश प्रकाश कहते हैं कि स्थानीय स्तर पर सभी औपचारिकताएं पूरी कर फाइल भेजी जा चुकी है। शासन स्तर पर लखनऊ में बात हुई है। नवंबर माह में एनओसी मिलने की आस है। जिला प्रशासन की तरफ से वन विभाग को दूसरी जमीन उपलब्ध कराई जा चुकी है। एनओसी की फाइल केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय में लंबित है। पिछले सप्ताह शासन को जानकारी दे दी है। जल्द अनापत्ति मिलने की संभावना है।

-विशाख जी., जिलाधिकारी चित्रकूट।


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