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चित्रकूट में 'बर्निंग ट्रेन' होने से बच गई पवन एक्सप्रेस, आग ट्रेन के एस-3 कोच तक पहुंची

लोकमान्य तिलक टर्मिनल मुंबई से दरभंगा बिहार जाने वाली पवन एक्सप्रेस की एस-3 बोगी में ब्रेक बाइंडिंग के कारण आग लग गई।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 03 Jun 2019 10:31 AM (IST)Updated: Mon, 03 Jun 2019 11:52 AM (IST)
चित्रकूट में  'बर्निंग ट्रेन' होने से बच गई पवन एक्सप्रेस, आग ट्रेन के एस-3 कोच तक पहुंची
चित्रकूट में 'बर्निंग ट्रेन' होने से बच गई पवन एक्सप्रेस, आग ट्रेन के एस-3 कोच तक पहुंची

चित्रकूट, जेएनएन। मायानगरी मुंबई से बिहार के दरभंगा जा रही पवन एक्सप्रेस आज 'बर्निंग ट्रेन' होने से बच गई। ब्रेक बाइंडिंग में लगी आग ट्रेन के एस-3 कोच तक पहुंच गई। मुंबई हावड़ा रुट पर कटैया डांडी और बरगढ़ रेलवे स्टेशन के बीच पवन एक्सप्रेस बर्निंग ट्रेन बनते बच गई।

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यात्रियों की निगाह पड़ने पर ट्रेन रोक कर आग बुझाई गई। इस दौरान दहशत में आए यात्री चलती ट्रेन से नीचे कूदने लगे। स्टेशन मास्टर समेत बाकी तकनीकी स्टाफ ने दौड़कर आग पर काबू पाया। इससे बड़ा हादसा टल गया।

लोकमान्य तिलक टर्मिनल मुंबई से दरभंगा बिहार जाने वाली पवन एक्सप्रेस रविवार तड़के करीब 3.45 बजे जबलपुर से आगे बढ़ी। ट्रेन करीब 9.20 बजे कटैया डांडी रेलवे स्टेशन से आगे बढ़ी तभी एस-3 बोगी में ब्रेक शू के पास से धुआं उठता दिखा। कुछ देर में आग लग गई। लपटें उठती देख कर यात्रियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन चेन पुलिंग करने पर ट्रेन बरगढ़ स्टेशन पर रुक गई। 

9.24 बजे स्टेशन पर ट्रेन धीमी होते ही चलती गाड़ी से यात्री कूदने लगे। रेलवे स्टेशन मास्टर और तकनीकी स्टाफ ने दौड़कर अग्निशमन यंत्रों के माध्यम से आग पर काबू पाया तब सभी ने राहत की सांस ली। 

स्टेशन मास्टर बरगढ़ अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि जबलपुर में चेकिंग केबाद ट्रेन आगे बढ़ाई गई थी। आग लगने के पीछे प्रथमद्रष्टया ब्रेक बाइंडिंग होना है। ब्रेक शू में दिक्कत से ऐसी स्थिति बनी।

यात्रियों की निगाह पड़ने से टला हादसा 

बर्निंग ट्रेन बनने से पवन एक्सप्रेस बच गई। इसके पीछे की वजह यात्री रहे। ट्रेन के गार्ड या चालक को घटना की जानकारी ट्रेन रुकने पर हुई। इससे एक बार फिर रेलवे प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।

100 किमी की रफ्तार में थी ट्रेन, 10.24 पर रवाना

चित्रकूट के कटैया डांडी रेलवे स्टेशन के पास ब्रेक शू के पास आग लगने के दौरान ट्रेन 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में थी। मानिकपुर जंक्शन चित्रकूट से ट्रेन चलने के बाद अगला स्टापेज नैनी प्रयागराज में था। इस दौरान यात्रियों की निगाह नहीं पड़ती तो बड़ा हादसा तय था। एस-2 और एस-3 बोगी के यात्रियों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रोकी। 10.24 बजे ट्रेन आगे के लिए रवाना कर दी गई है।

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