बाघों पर रहेगी विशेषज्ञों की नजर
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : रानीपुर वन्य जीव नेशनल पार्क में बाघों का मूवमेंट बढ़ने के साथ ह
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : रानीपुर वन्य जीव नेशनल पार्क में बाघों का मूवमेंट बढ़ने के साथ ही वन विभाग की सतर्कता बढ़ गई है। बाघों के साथ ही जंगल में मौजूद गांव की सुरक्षा के लिए जापान, कोलकाता, मिर्जापुर व लखीमपुर खीरी के विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही है। विशेष सचिव वन की अगुआई में कोलकाता के विशेषज्ञ यहां पहुंच चुके हैं। विशेषज्ञों की सलाह पर वन अधिकारी व कर्मी बाघों की आहट पर नजर रखेंगे। प्रदेश सरकार स्तर पर सारी बाधाएं दूर होने के बाद नेशनल पार्क को विस्तार देने की फाइल केंद्र सरकार के पाले में हैं। अब वहां से हरी झंडी मिलने का इंतजार है।
पन्ना नेशनल पार्क की सीमा से जुड़ा होने के चलते पिछले कुछ वर्षो में रानीपुर वन्य जीव नेशनल पार्क में बाघों की चहलकदमी देखी गई। मॉनीट¨रग के बाद यहां इसी साल कोलकाता से तीन बाघ लाकर छोड़े गए। अब रानीपुर वन्य जीव नेशनल पार्क की नींव डालने के लिए यहां पर विशेष सचिव वन की अगुवाई में कोलकाता समेत कई जगह के विशेषज्ञ आ चुके हैं। इन लोगों ने 15-15 दिन यहां प्रवास कर टाइगर के मूवमेंट की स्थिति पर रिपोर्ट तैयार की है। इस पर लखनऊ के विशेषज्ञों ने भी अपनी राय दी है।
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33 गांव जरूरत पर होंगे खाली
रानीपुर वन्य जीव नेशनल पार्क के अंतर्गत मानिकपुर व मारकुंडी रेंज के 33 गांव चिह्नित किए गए हैं। जरूरत पड़ने पर इन गांवों के ग्रामीणों को शिफ्ट किया जाएगा। वन्य जीव रेंजर त्रिवेदी प्रसाद ने बताया कि कोर जोन के अंतर्गत पड़ने वाले गांव भविष्य में जरूर हटेंगे।
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बांटा जाएगा तीन जोन में
सेंसटिव जोन: यह जोन नेशनल पार्क के शुरुआती हिस्से में पांच किलोमीटर के दायरे में होता है। यहां पर्यटकों के घूमने के इंतजाम होंगे।
कोर जोन: यह जंगल का सबसे घना और अंदरूनी हिस्सा होता है। यहां किसी को जाने की इजाजत नहीं होती है।
बफर जोन: यह कोर जोन से कम खतरनाक इलाका होता है।
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स बे के लिए बड़ी उपलब्धि होगी
अब सिर्फ केंद्रीय मंत्रालय में फाइल पर कुछ काम बाकी है। वाइल्ड लाइफ विभाग भी अपनी संस्तुति देगा। इसके बाद विशेषज्ञों की देखरेख में स्थानीय टीमें बेहतरी से काम शुरू देंगी। यह पर्यटन के लिहाज से भी सूबे की बड़ी उपलब्धि होगी।
-जीडी मिश्रा, वाइल्ड लाइफ वार्डेन, रानीपुर वन्य जीव अभ्यारण्य, चित्रकूट