निजीकरण के विरोध में उतरे विद्युत कर्मी, दिया धरना
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : विद्युत कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन कर निजीकरण का विरोध किया। बि
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : विद्युत कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन कर निजीकरण का विरोध किया। बिजली कर्मचारियों के सभी संगठनों ने एकजुटता का परिचय दिया और एक बैनर तले अधीक्षण अभियंता कार्यालय के सामने धरना दिया और नारेबाजी की। मांगें नहीं पूरी होने पर आंदोलन को तेज करने का ऐलान किया।
एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन में अधीक्षण अभियंता से लेकर लाइन मैन तक ने प्रदर्शन कर बिजली के निजीकरण का विरोध किया। नगर पालिका के पास स्थित अधीक्षण अभियंता कार्यालय में गुरूवार को दिनभर बिजली कर्मचारी धरने पर बैठे रहे। इस दौरान अभियंता संघ की ओर से अधीक्षण अभियंता जेपीएन ¨सह ने कहा कि सरकार बिजली का निजीकरण कर रही है जिसको बर्दास्त नहीं किया जाएगा। आगरा फ्रेंचाइजी व ग्रेटर नोएडा का निजीकरण तत्काल निरस्त किया जाए। उन्होंने विद्युत निगमों के एकीकरण पर बल दिया। कहा कि सभी निगमों को खत्म कर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद लिमिटेड का पुर्नगठन किया जाए। साथ ही इलेक्ट्रिकसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2018 को भी वापस लेने की मांग रखी। विद्युत कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष रामलाल पाल ने कहा कि विभाग में जो भी पद खाली हैं उनमें जल्द से जल्द भर्ती जाए। तेलंगाना सरकार की तरह संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए। विद्युत मजदूर संघ के प्रदेश मंत्री आशीष पांडेय ने कहा कि मानदेय न मिलने से संविदा कर्मी परेशान हैं। समय से मानदेय विभाग की ओर से सीधे कर्मचारी के खाते में जमा किया जाए।
हाइड्रो इलेक्ट्रिक इम्पलाइज यूनियन के मंडल अध्यक्ष शिव प्रकाश ने कहा कि वर्ष 2000 के बाद भर्ती हुए सभी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल की जाए। सरकारी क्षेत्र के बिजली घरों का नवीनीकरण किया जाए और निजी घरानों से महंगी खरीदने हेतु सरकारी बिजली घरों को बंद करने की नीति समाप्त की जाए। इस मौके पर अधिशाषी अभियंता हरिबरन ¨सह, अनिल दुबे, सुभाष धुरिया, विजय कुमार, उदयवीर, मो. हनीफ, देवेंद्र कुमार, राजू, संजय सचान, राजकुमार, विनोद कुमार व गरीब खां आदि मौजूद रहे।