प्रसूताओं को नहीं मिली एंबुलेंस, परिजन हुए परेशान
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : एंबुलेंस मिलने में लगातार अनदेखी बरकरार है। शुक्रवार को भी द
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : एंबुलेंस मिलने में लगातार अनदेखी बरकरार है। शुक्रवार को भी दो प्रसूताओं व उनके परिजनों को समस्या से दो-चार होना पड़ा। चार घंटे तक इंतजार के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई। इससे रुपये खर्च कर निजी वाहन से घर लेकर जाना पड़ा। सीधे लखनऊ से नियंत्रण के कारण एंबुलेंस चालकों की मनमर्जी मरीजों पर भारी पड़ रही है।
पहला वाकया सुनीता (30) पत्नी राम मिलन निवासी लोधौरा बरेठी, राम नगर थाना मऊ के साथ हुआ। बुधवार की शाम छह बजे प्रसव पीड़ा पर मौसी सरोज व पति राजेंद्र ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। शुक्रवार सुबह दस बजे छुट्टी मिली। एंबुलेंस के लिए 102 नंबर पर मिलाया। फोन उठाने वाले ने एंबुलेंस व्यस्त होने का हवाला देकर अपराह्न दो बजे तक इंतजार करने की बात कही। प्रसूता व परिजन अस्पताल परिसर में बैठे रहे लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। इस पर नाराजगी जताते हुए वह निजी वाहन से घर गए। इसी तरह दूसरा मामला रेशमा (28) पत्नी पुष्पराज निवासी बघवारा, रैपुरा का है। उनकी सास सुशीला देवी ने बताया कि मंगलवार की रात 12 बजे प्रसव पीड़ा पर एंबुलेंस को बुलाने के लिए फोन किया पर कोई नहीं पहुंचा। इससे निजी वाहन पर अस्पताल लेकर आए। शुक्रवार सुबह अस्पताल से छुट्टी होने पर एंबुलेंस का इंतजार दोपहर बाद तक करते रहे लेकिन नहीं आई। 12 सौ रुपये खर्च कर निजी वाहन से घर जा सके। सीएमओ डॉ. राजेंद्र ¨सह ने बताया कि एंबुलेंस का नियंत्रण सीधे लखनऊ कंट्रोल रूम से होता है। चालकों की लापरवाही को लेकर पत्र लिखा गया है। अलग से एंबुलेंस भी जिले के लिए मांगी गई हैं। जल्द समस्या से राहत दिलाई जाएगी।