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जेल से निकलकर पाठा का बादशाह बना था धोनी

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : इलाहाबाद के फूलपुर थानाक्षेत्र में बुधवार देर रात पुलिस मुठभेड़

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Jul 2018 10:32 PM (IST)Updated: Thu, 05 Jul 2018 10:32 PM (IST)
जेल से निकलकर पाठा का बादशाह बना था धोनी
जेल से निकलकर पाठा का बादशाह बना था धोनी

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : इलाहाबाद के फूलपुर थानाक्षेत्र में बुधवार देर रात पुलिस मुठभेड़ में मारे गए 80 हजार के इनामी डकैत महेंद्र पासी उर्फ धोनी का आपराधिक जीवन दुष्कर्म की घटना के बाद शुरू हुआ था। 2012 में जेल जाने के बाद जब वह बाहर निकला तो फिर पाठा का बादशाह बनने में देर नहीं लगी। उप्र और मप्र सरकार के लिए छह साल तक चुनौती बने रहे धोनी ने करीब दो दर्जन लूट, हत्या व अन्य घटनाओं को अंजाम दिया। उसके खिलाफ उप्र में 18 और मप्र में चार मामले दर्ज हैं।

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रजवा को मार बना था सरगना

डकैत महेन्द्र पासी उर्फ धोनी दस्यु गोप्पा के जेल जाने के बाद उसके भांजे रजवा को मौत के घाट उतारकर 2016 मे गैंग का सरगना बना था। एसपी मनोज कुमार झा ने बताया कि उस पर उप्र प्रदेश सरकार की तरफ से 50 हजार और मप्र सरकार से 30 हजार का इनाम घोषित था।

सीधी मुठभेड़ में हुआ ढेर

पुलिस के लिए सिरदर्द बने चित्रकूट के देवास मजरा गौरिया थाना रैपुरा निवासी डकैत महेंद्र कुमार पासी उर्फ धोनी ने जंगलों में उतरने के बाद फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा। वह लगातार बड़ी वारदातें कर सुर्खियों में आया। गोप्पा गैंग के इस सरगना को बुधवार रात इलाहाबाद पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान मार गिराया।

रीवां के जंगलों में था ठिकाना

जिला पुलिस का दबाव बढ़ने पर डकैत धोनी ने मप्र के रीवां जिले के जंगलों को अपना ठिकाना बना रखा था। बीते कुछ दिन में वहां लगातार घटनाओं को अंजाम दिया था। रीवां के डभौरा थाना अंतर्गत हरदौली रोड से रिटायर्ड डिप्टी रेंजर प्रभु नाथ त्रिपाठी का अगस्त 2017 को अपहरण किया था। इसी थाने के छमुहा जंगल से वैद्य राम ¨सह बहेलिया निवासी डभौरा का 29 नवंबर को अपहरण कर लिया, जबकि नवंबर में ही पनवार थाना अंतर्गत ओवरी नदी से ज्ञानेंद्र कहार को ये डकैत अगवा कर ले गया था। इसी साल जनवरी में हरदौली जंगल से सुरेश पटेल व भतीजे तरेश पटेल का अपहरण किया।

बाइक से घूम-घूम करता था वारदातें

डकैत धोनी सिर्फ जंगल का ही बादशाह नहीं था। वह शहरों में भी बाइक पर घूमता था। मुठभेड़ के समय भी वह बाइक पर एक साथी के साथ था। बताते हैं, अक्सर वह उप्र और मप्र के कई शहरों में बाइक से घूमकर घटनाएं करने के बाद भाग निकलता था।


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