हिम्मत से थामी सांसों की डोर, अब दे रहे दूसरों को हौंसला
जागरण संवाददाता चित्रकूट कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर इस कदर लोगों को दर्द देगा इसका
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर इस कदर लोगों को दर्द देगा इसका किसी को अंदाजा न था। आपदा के समय में हर कोई धरती के भगवान (डॉक्टर) के चौखट पर पहुंच जिदगी बचाने की गुहार लगा रहा है। इस संकट के दौर में जिले के दर्जनभर से अधिक चिकित्सक व दो दर्जन से अधिक स्वास्थ्यकर्मी भी ड्यूटी के दौरान संक्रमित हो गए हैं। अधिकतर स्वास्थ्यकर्मी इलाजरत हैं। इस बीच सुखद खबर यह है कि बीते दो दिनों में जिला अस्पताल के दो वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एके सिंह व डॉ. विनोद कुमार रावत स्वस्थ हो गए हैं।
लखनऊ के एक निजी अस्पताल में कोरोना से जंग जीतने के बाद दैनिक जागरण से बात करते हुए डॉ. विनोद रावत ने बताया कि 12 अप्रैल को वह पॉजिटिव आए। गुरुवार यानी 22 अप्रैल को रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद घर जाने की इजाजत मिली। इलाज के दौरान अस्पताल का माहौल देख कई बार मन में उलझने हुईं लेकिन हिम्मत व आत्मसंयम से खुद को संभाले रखा। लगातार स्वजन से संपर्क में रहा और किताबों के बीच समय बिताया। साथी चिकित्सक भी लगातार इलाज के साथ उत्साहवर्धन करते रहे। अब स्वस्थ होकर हर दिन टेलीफोन पर सैकड़ों लोगों को परामर्श दे रहे हैं। डॉ. विनोद कहते हैं कि किसी भी संक्रमित को उत्साहवर्धन की बहुत जरूरत होती है। हौंसलों से कोई भी इंसान विपरीत से विपरीत परिस्थितियों का मुकाबला कर सकता है।
वहीं वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एके सिंह ने होम आइसोलेशन में रहकर बुधवार को बीमारी को मात दे दी है। डॉ. सिंह अब हर दिन टेलीमेडिसिन के जरिए लोगों को कोरोना से बचाव और सेहत को स्वस्थ रखने का मंत्र दे रहे हैं। डॉ. एके कहते हैं कि, संक्रमण के फैलाव को देखते उन्हें किसी भी दिन संक्रमित होने का पहले से ही अंदेशा था। एक दिन पॉजिटिव हो भी गए। लेकिन कभी परेशान नहीं हुए और चिकित्सकों के संपर्क में रहकर इलाज के बाद दस दिनों में स्वस्थ हो गए हैं। डॉ. सिंह कहते हैं कि परेशान होने के बजाय उसके हल के बारे में सोचें। अपनों से लगातार संपर्क में बने रहें और पुरानी यादें ताजा करें। चिकित्सक के बताए हुए दवाओं का समय-समय से सेवन करते रहें। होम आइसोलेशन में रहकर भाप, काढ़ा के साथ पौष्टिक आहार व फलों का सेवन करते हुए इम्युनिटी बढ़ाएं।