बिना फिटनेस के दौड़ रहे डग्गामार वाहन
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : जिले की मुख्य सड़कों पर सवारियां लेकर दौड़ रहे तमाम वाहनों
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : जिले की मुख्य सड़कों पर सवारियां लेकर दौड़ रहे तमाम वाहनों की फिटनेस बेहद जर्जर है। ट्रैक्टर-ट्राली वाहन मालिकों के पास फिटनेस सर्टीफिकेट ही नहीं है। जबकि अधिकांश ट्रैक्टर पर नंबर ही नहीं लिखे हैं। ऐसे में ज्यादातर हादसे इन्हीं वाहनों की वजह से होते हैं लेकिन पुलिस व परिवहन विभाग के अधिकारी आंख मूंदे रहते हैं। शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए भारी वाहन पर कुछ घंटों के लिए रोक लगाई गई है। उसके बाद भी बाजार में प्रतिबंधित समय पर भारी वाहन घुस आते हैं तो ट्रैक्टर-ट्रॉली बिना रोक-टोक जाम लगाती हैं। कृषि कार्य की ट्रॉलियों का कारोबारी उपयोग देखा जा सकता है। फिटनेस तो दूर सवारियां ढोने का परमिट तक नहीं
जिले के कई रूटों में दौड़ रही डग्गामार कंडम जीपें और टैंपो की फिटनेश की कौन कहे उनके पास परमिट भी नहीं है और यह कंडम जीपें 12 से ज्यादा सवारियां बैठाकर चल रही हैं। कई बार तीन-तीन दर्जन सवारियां तक बैठाने से डग्गामार वाहन संचालक गुरेज नहीं करते हैं। इसी वजह से हादसे में भी बढ़ रहे हैं। जिले भर में तीन सौ से ज्यादा जीपें डग्गामारी में चल रही हैं। फिटनेस के लिहाज से ये वाहन रिजेक्ट करने के काबिल हैं। परंतु इसके बावजूद बेरोकटोक तरीके से उनसे सवारियां ढोई जा रहीं हैं। फिटनेस भी नहीं
एआरटीओ द्वारा वाहनों के लिए फिटनेस और परमिट जारी किए जाते हैं लेकिन शहर में चल रहे अधिकांश ट्रैक्टर ट्राली सहित तमाम वाहन ऐसे हैं जिनके फिटनेस सर्टीफिकेट नहीं हैं। कोई कार्रवाई न होने से ऐसे वाहन मालिकों के हौसले बुलंद हैं। इस वजह से विभाग को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। साथ ही ट्रैफिक नियमों का हर तरफ उल्लंघन हो रहा है। स्थिति यह है कि सवारियां ढोने के लिए सड़कों पर दौड़ रही जीपों व टैंपो पर रिफलेक्टर तक नहीं लगे हैं। रात के समय इसी वजह से यह वाहन अक्सर हादसे का शिकार हो जाते हैं। इनका कहना है
'जो भी वाहन बिना परमिट और फिनटेस के मिलते हैं उनका चालान किया जाता है। समय-समय पर जांच होती है।' भवानीदीन - एआरटीओ चित्रकूट।