गंगा-कावेरी डकैती कांड में पुलिसकर्मियों की गोपनीय जांच
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : गंगा-कावेरी एक्सप्रेस ट्रेन डकैती कांड के पर्दाफाश से जुड़े पु
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : गंगा-कावेरी एक्सप्रेस ट्रेन डकैती कांड के पर्दाफाश से जुड़े पुलिसकर्मियों पर गोपनीय जांच की तलवार लटक गई है। मुख्य आरोपित 50 हजार रुपये के इनामी लूलू के करीबी आदित्य ¨सह से चौंकाने वाली जानकारी के बाद माहौल गरम है। आइजी रेलवे बीआर मीणा ने गोपनीय जांच शुरू कराने के साथ पूरी रिपोर्ट डीजीपी को भेजी है। इसमें फर्जी मुठभेड़ दिखाकर हिरासत में लिए गए लूलू समेत अन्य को भगाने के गंभीर आरोप लगे हैं। इसमें स्वॉट, एंटी डकैती टीमों समेत अन्य संदेह के घेरे में हैं।
चित्रकूट के मानिकपुर जंक्शन के आगे पनहाई रेलवे स्टेशन के पास चेन पु¨लग व सिग्नल में छेड़छाड़ कर गंगा-कावेरी एक्सप्रेस में दो सितंबर की रात डकैती की घटना हुई थी। इसमें करीब बीस लाख रुपये की नकदी, सोने-चांदी के आभूषण डकैतों ने लूटे थे। जीआरपी-आरपीएफ ने इस कांड के मास्टरमाइंड 50 हजार रुपये के इनामी लूलू पटेल के दाहिने हाथ आदित्य ¨सह जाटव को जब मध्यप्रदेश से दबोचा तो कई राज सामने आए। उसने चित्रकूट की स्वॉट टीम, एंटी डकैती टीम समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक उसने आइजी रेलवे प्रयागराज बीआर मीणा को अहम जानकारियां दीं। बताया कि लूलू को घटना के दूसरे दिन पुलिस टीमों ने गिरफ्तार कर लिया। चित्रकूट, बांदा के कई पुलिस थानों पर रखा। इसी दौरान बदौसा के पास से वह लोग भाग निकले। इसके बाद उन पर इनाम घोषित हुआ। इसमें डकैती का मास्टरमाइंड लूलू भी शामिल था। आइजी रेलवे बीआर मीणा ने बताया कि गोपनीय जांच कराई जा रही है। सभी पहलुओं के सामने आने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।