रामराज्य रथ यात्रा को लेकर संतों में उत्साह
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : भारत में रामराज्य की पुनस्र्थापना, अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निम
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : भारत में रामराज्य की पुनस्र्थापना, अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण, शैक्षणिक पाठ्यक्रम में रामायण को शामिल किये जाने, गुरूवार को राष्ट्रीय साप्ताहिक अवकाश एवं विश्व हिन्दू दिवस की घोषणा के लक्ष्य को लेकर अयोध्या से रामेश्वरम तक आगामी 13 फरवरी से शुरू होने वाली रामराज्य रथयात्रा 16 फरवरी को भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट पहुंचेगी। जिसका धर्मनगरी के साधू-संतों द्वारा भव्य स्वागत किया जायेगा।
चित्रकूट में शोभा यात्रा निकालने के साथ-साथ संत सभा का आयोजन होगा। इसके बाद यह यात्रा भरतकूप होते हुए मध्यप्रदेश के छतरपुर के लिए प्रस्थान करेगीं। धर्म नगरी में संत सभा के आयोजन के लिए कामदगिरि प्रमुख द्वार के संत मदन गोपाल दास को संयोजक बनाया गया है। रामराज्य रथयात्रा के व्यवस्था प्रमुख समर्थभक्त परागबुवा रामदासी ने बताया कि 13 फरवरी से 25 मार्च तक अयोध्या से रामेश्वरम तक रामराज्य रथ यात्रा निकाली जायेगी। जिसका भव्य शुभारंभ 13 फरवरी को अयोध्या के कारसेवक पुरम से प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया जायेगा। रथयात्रा अयोध्या से फैजाबाद होते हुए नंदीग्राम पहुंचेगी। इसके बाद बनारस और प्रयाग होते हुए मंझनपुर के रास्ते 16 फरवरी को चित्रकूट आएगी। इसी दिन जिला मुख्यालय कर्वी से चित्रकूट तक विशाल शोभा यात्रा निकाली जायेगी। वहीं शाम को कामदगिरि मंदिर के समीप राममोहल्ला में संत सभा का आयोजन किया जायेगा। श्रीरामदास मिशन यूनिवर्सल सोसायटी द्वारा आयोजित राम राज्य रथ यात्रा के व्यवस्था प्रमुख रामदासी ने बताया कि तीन चरणों में सम्पन्न होने वाली यह यात्रा देश के सभी हिन्दू संगठनों के सहयोग से चलने वाली है। यात्रा 41 दिनों में अपना पहला चरण पूरा करेगी। वही 2019 में फिर रामेश्वरम से पश्चिमी प्रदेशों से होते हुए अयोध्या में सम्पन्न होगी। इसके अलावा अन्तिम यानि तीसरे चरण की यात्रा 2020 में कश्मीर से कन्याकुमारी होते हुए रामेश्वरम् पहुंचेगी। जहां यात्रा का समापन होगा। तीन चरणों में सम्पन्न होने वाली इस रामराज्य रथयात्रा के दौरान पूरे देश भर में जनजागरण का कार्य होगा। उन्होंने बताया कि इस यात्रा का निर्देशन महंत नृत्यगोपाल दास एवं महंत कमल नयनदास द्वारा किया जा रहा है। यात्रा की तैयारियों को लेकर आये समर्थभक्त परागबुवा रामदासी ने धर्मनगरी के सभी साधु-संतों को आमंत्रण पत्र सौपकर यात्रा में शामिल होकर कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने में योगदान देने का आहवान किया है।