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Chitrakoot: प्रेम संबंध में बाधा बने साथी के हत्यारोपित को आजीवन कारावास

Chitrakoot प्रेम संबंध में बाधा बने साथी के हत्या में न्यायालय ने व्यावसायिक साझेदार को दोषी ठहराया है और आजीवन कारावास व 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश मूलचंद्र उर्फ मुल्ला को दोषी ठहराया और अन्य आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया।

By hemraj kashyapEdited By: MOHAMMAD AQIB KHANPublished: Thu, 22 Dec 2022 08:42 PM (IST)Updated: Thu, 22 Dec 2022 08:42 PM (IST)
Chitrakoot: प्रेम संबंध में बाधा बने साथी के हत्यारोपित को आजीवन कारावास
Chitrakoot: प्रेम संबंध में बाधा बने साथी के हत्यारोपित को आजीवन कारावास : जागरण

चित्रकूट, जागरण संवाददाता: प्रेम संबंध में बाधा बने साथी के हत्या में न्यायालय ने व्यावसायिक साझेदार को दोषी ठहराया है और आजीवन कारावास व 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह फैसला जिला एवं सत्र न्यायाधीश विष्णु कुमार शर्मा ने सुनाया है।

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जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी श्यामसुंदर मिश्रा ने बताया कि पटिया जब्ती गांव के निवासी भोला पुत्र शिवधनी यादव ने पहाड़ी थाने में तहरीर दी थी कि उसका 24 वर्षीय पुत्र अशोक कुमार 10 सितंबर 2012 को बाइक ठीक कराने शिवरामपुर गया था। वह देर शाम वापस लौट रहा था। रात में आठ बजे उसने अपनी बहन से फोन में सूचना दी थी कि विजय चौकीदार के डेरा के पास पहुंच गया है। उसके बाद फोन स्विच आफ हो गया था।

दूसरे दिन 11 सितंबर को प्रातः 10 बजे रमयापुर गांव के बाहर अशोक का शव मिला। पुरानी रंजिश में गांव के ही मन्ना रैदास, लल्ला, किशुनिया, रामबाबू, पप्पू और मूरतध्वज ने उसकी धारदार हथियार से हत्या की है।

एक ही युवती से था प्रेम संबंध

जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि पुलिस ने नामजद रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद विवेचना की तो नामजद आरोपितों ने हत्या नहीं की थी जबकि अशोक के व्यापारिक साथी मानिकपुर थाना की सरैंया चौकी के बगइचापुरवा निवासी मूलचंद्र उर्फ मुल्ला पुत्र प्रह्लाद यादव का नाम सामने आया। दोनों का एक ही युवती से प्रेम संबंध था।

हत्या कर शव को फेंककर भाग गया था

प्रेम में बाधा बने अशोक की मूलचंद्र ने हत्या कर शव को फेंककर भाग गया था। पुलिस ने मूलचंद्र के विरुद्ध न्यायालय में आरोपपत्र प्रेषित किया। न्यायालय ने एफआईआर में नामजद किए गए गांव के आधा दर्जन आरोपियों को फिर से तलब करा लिया था।

बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद गुरुवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश मूलचंद्र उर्फ मुल्ला को दोषी ठहराया और अन्य आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया।


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