ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चों को लग रही 'स्क्रीन की नजर'
जागरण संवाददाता चित्रकूट स्कूल बंद होने के बाद ऑनलाइन क्लास बच्चों के आंखों के लिए खतरना
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : स्कूल बंद होने के बाद ऑनलाइन क्लास बच्चों के आंखों के लिए खतरनाक साबित हो रहा। चित्रकूट के सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय में बीते छह माह में दो हजार से अधिक बच्चे आंखों में शिकायत को लेकर इलाज को पहुंचे।
विशेषज्ञों के अनुसार मोबाइल, टैब व लैपटाप के स्क्रीनों पर अधिक समय देने से आंखों पानी आना, आखों का लाल हो जाना, सूखापन, जलन व सिरदर्द की समस्या बढ़ रही है। सद्गुरु के नेत्र ओपीडी में कोरोना से पहले 100 में दो से तीन लोग ऐसी समस्या लेकर आते थे। जबकि अब यह समस्या 15 से 20 लोगों में होने लगी। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. चितन शाह ने बताया कि स्क्रीन पर समय अधिक देने की वजह से परेशानी हो रही है। अभिभावकों संग स्कूल मैनेजमेंट को इस पर विशेष गौर करने की जरूरत है। स्क्रीन पर पढ़ाई हो या अन्य काम हर 25 से 30 मिनट में एक मिनट की ब्रेक जरूर लें। संभव हो तो आंखों को ठंडे पानी से धो लें। आंखों में ताजगी बनी रहती है। ऑनलाइन पढ़ाई से पांच से 16 साल तक के बच्चे परेशान हैं। जिनका इलाज करने के साथ जरूरत पड़ने पर चश्मा भी लगाया जा रहा। वह लोगों को पौष्टिक आहार संग गाजर, पालक, पुदीना व फल का भी इस्तेमाल करने की सलाह दे रहे हैं। इन उपायों से दूर रखें समस्या
- स्क्रीन की ब्राइटनेस कम रखें, आसपास की लाइट ऑन रखें
-ऑनलाइन पढ़ाई के समय ब्रेक जरूर लें
-समस्या बढ़ने पर चश्मे का प्रयोग करें
-जितना दूर हो सके उतनी दूर से स्क्रीन को देखें
-हर 25 से 30 मिनट में आंखों को पानी से जरूर धोऐं
-कम उम्र के बच्चों से जितना हो सके इलेक्ट्रानिक डिवाइस दूर रखें।
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ऑनलाइन क्लास से बच्चों के स्वभाव बदले है। चिड़चिड़ापन देखा जा रहा है। बच्चे छोटी बात में लड़ने-झगड़ने भी लगते हैं। कई बच्चों ने गर्दन में अकड़न और दर्द की शिकायत भी हो रही है। डॉ. आलोक सेन - (नेत्र रोग विशेषज्ञ सद्गुरु चिकित्सालय)