बरदहा में उफान बरकरार, रात भर घिरे रहे पाठा के गांव
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : मध्यप्रदेश के जंगलों-पहाड़ों व चित्रकूट में शुक्रवार रात से लेक
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : मध्यप्रदेश के जंगलों-पहाड़ों व चित्रकूट में शुक्रवार रात से लेकर शनिवार देर शाम तक बारिश के कारण मानिकपुर तहसील के पाठा इलाके में बरदहा नदी में उफान बरकरार है। शनिवार पूरी रात करीब आधा दर्जन गांव बाढ़ के पानी के बीच घिरे रहे। प्रशासन व पुलिस ने संयुक्त प्रयास कर कई लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। कुछ घरों-दुकानों के अंदर तक पानी पहुंच गया। उधर, मंदाकिनी के जलस्तर में थोड़ी कमी आई लेकिन बहाव रविवार को भी तेज रहा।
करीब 28 घंटे तक लगातार रुक-रुक कर बारिश व रिमझिम फुहारों के कारण चित्रकूट में नगर से लेकर गांवों तक पानी-पानी दिखाई पड़ रहा है। रविवार को भी कर्वी मुख्यालय के एसडीएम कालोनी, अमानपुर, बेड़ी पुलिया, कोलगदहिया समेत अन्य इलाकों में गलियों में पानी भरा रहा। मानिकपुर तहसील के पाठा इलाके में बरदहा नदी में आए उफान के कारण पूरी रात कई जगहों पर लोग फंसे रहे। कल्याणगढ़ के मजरा कुबरी में स्कूल में फंसे छात्रों को भी पुलिस की मदद से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। इसी तरह रानीपुर गिदुरहा, चमरौहा, सकरौंहा, मऊ गुरदरी, निही-चिरैया समेत करीब आधा दर्जन गांव शनिवार पूरी रात बाढ़ के पानी में घिरे रहे। एसडीएम मानिकपुर संदीप कुमार वर्मा, तहसीलदार व थाना प्रभारी की संयुक्त टीमों ने गांवों में पहुंचकर राहत दिलाने की कोशिश की। रविवार सुबह तक पानी घटने पर टूटा संपर्क भी काफी कुछ बहाल हो गया।रक्षाबंधन पर अपने घरों तक बहनों के पहुंचने की राह की बाधाएं दूर हो गईं। जनप्रतिनिधियों की अनदेखी से इलाकों में रपटा, रजबहा व नालों पर बने पुराने पुल ध्वस्त होने के कारण ऐसी स्थिति बनी है। जिला प्रशासन व पुलिस की टीमें लगातार नजर बनाए हुए हैं। नदी पार कर लकड़ी लेने व अन्य कामकाज करने वालों को मदद देकर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया गया। 2016 में गांवों में आई थी बाढ़
वर्ष 2016 में मानिकपुर तहसील के पाठा इलाके में एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे। इससे यहां रहने वाली हजारों की आबादी को काफी दिक्कतें हुई थीं। शनिवार को अचानक बरदहा नदी में उफान आने के बाद ग्रामीण सांसत में थे। हालांकि शनिवार रात से लेकर रविवार पूरे दिन बारिश नहीं होने से अब पानी घटने की आस जगी है। इससे लोगों ने राहत की सांस ली है।