बरुआ की प्यास बुझाएगा रसिन बांध
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : जिले के सबसे बड़े बांध बरुआ की प्यास अब नव निर्मित रसिन बांध बुझा
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : जिले के सबसे बड़े बांध बरुआ की प्यास अब नव निर्मित रसिन बांध बुझाएगा। इसके लिए खाका खींचा जा चुका है। रसिन के अधिक पानी को टर्मिनल बनाकर बरुआ में लाने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके लिए शासन को सिंचाई विभाग की तरफ से प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है। ऐसा हुआ तो यह हजारों किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
सिर्फ बारिश के पानी पर निर्भर है बरुआ
जनपद के सबसे बड़ा जलाशय बांध बरुआ की जल भंडारण क्षमता 142.16 मीटर है। हालांकि उसमें कोई नदी नहीं है। सिर्फ पहाड़ों व जंगलों से बारिश के दौरान पानी पहुंचता है। तीन-चार साल से लगातार कम बारिश के कारण यह बांध खाली है। हर साल ¨सचाई के लिए किसान परेशान होते हैं। वहीं, रसिन बांध में बाण गंगा नदी से मध्य प्रदेश के मझगवां परिक्षेत्र तक का पानी आता है। उसकी क्षमता 137.70 मीटर है। इससे काफी पानी ओवरफ्लो होकर बर्बाद हो जाता है।
दस किलोमीटर का बनेगा टर्मिनल
रसिन का बर्बाद होने वाला लाखों क्यूबिक पानी बरुआ की प्यास बुझाने में अहम रोल अदा करेगा। इसका खाका जून में ¨सचाई विभाग की निर्माण इकाई ने तैयार किया है। करीब दस किलोमीटर क्षेत्र में टर्मिनल बनाकर ओवरफ्लो पानी बरुआ लाया जाएगा। ¨सचाई बंधु के अध्यक्ष दिनेश ¨सह पटेल कहते हैं कि शासन से प्रस्ताव को हरी झंडी दिलाने की कोशिश तेज कर दी है। रसिन बांध से करीब 16.23 एमसीएम पानी प्रतिवर्ष ओवरफ्लो हो जाता है। उसको बरुआ बांध में ले जाने के प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने से हजारों किसानों को राहत मिलेगी।
-विपिन बिहारी ¨सह, अधिशासी अभियंता, ¨सचाई विभाग निर्माण खंड चित्रकूट