रोप-वे का रोमांच करेगा श्रद्धालुओं को आकर्षित
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : प्रभु श्रीराम की तपोभूमि में हनुमानधारा तक पहुंचने के लिए श्रद्धालु
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : प्रभु श्रीराम की तपोभूमि में हनुमानधारा तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को सात सौ सीढि़या नहीं चढ़नी होंगी। यहां बनने रोप-वे कुछ मिनटों में ही उन्हें धारा तक पहुंचा देगा। ये यात्रा आरामदायक होने के साथ-साथ रोमांचकारी भी होगी जो श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगी।
चित्रकूट में अलग-अलग स्थलों पर दर्शन के लिए प्रतिदिन हजारों व प्रत्येक माह की अमावस्या पर लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में हनुमान धारा तक पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का सफर आरामदायक बनाने के लिए रोप-वे लगाने की योजना है। इसके संचालन का काम एक निजी कंपनी को सौंपा गया है जिसके पास 30 साल की लीज होगी। तीन साल के अंदर रोप-वे बनाकर शुरू करना होगा।
यह निर्माण, दूसरा रोप-वे
हनुमानधारा पहाड़ी व नीचे अपर और लोअर टर्मिनल स्टेशन, कारीडोर एवं टावर का निर्माण शुरू हो गया है। ¨सगल रोप 6 ग्रिप रोप-वे आटोमेशन तकनीक का होगा। यह सौ फीसद सुरक्षा मापदंडों के अनूकूल बनाया जा रहा है। इसकी ट्राली के गेट ऑटोमैटिक होंगे। लक्ष्मण पहाड़ी के बाद यह जिले में दूसरा रोप-वे होगा।
हनुमान धारा का महात्म्य
चित्रकूट में सबसे प्रसिद्ध स्थल हनुमान धारा का विशेष महात्म्य है। यहां पर श्रीहनुमान जी को वह सुख और शांति मिली थी, जो पूरे ब्रह्मांड में हासिल नहीं हुई थी। किवदंती है कि लंका दहन में हनुमान जी का पूरा शरीर काफी तप गया था। लंका विजय के बाद उन्होंने अपने आराध्य प्रभु श्रीराम से शरीर की शीतलता का उपाय पूछा। प्रभु ने उनको ¨वध्य पर्वत पर ऋषियों-मुनियों की पवित्र भूमि की प्राकृतिक छटा पर तप की सलाह दी। हनुमान जी ने चित्रकूट आकर ¨वध्य पर्वत श्रंखला की इसी पहाड़ी में श्रीराम रक्षा स्त्रोत का पाठ 1008 बार किया था। अनुष्ठान पूर्ण होने पर जलधारा प्रकट हुई। इससे उनको शीतलता मिली। वह धारा वर्तमान में भी अविरल बह रही है। रोप-वे का निर्माण कार्य तेज किया गया है। दिसंबर 2019 तक कार्य को पूरा कर लिया जाएगा।
-एसके तिवारी, जनरल मैनेजर, दामोदर रोप-वे एंड इंफ्रा लिमिटेड चित्रकूट।