वातानुकूलित प्रतीक्षालय व कमरों से लैस होगा बस अड्डा
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : अन्य बड़े शहरों की तरह जल्द ही यात्री जनपद से ही दूसरे प्रांतों के लि
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : अन्य बड़े शहरों की तरह जल्द ही यात्री जनपद से ही दूसरे प्रांतों के लिए बसें पकड़ सकेंगे। इतना ही नहीं बसों की इंतजार करने के लिए उनके लिए वातानुकूलित प्रतीक्षालय भी होगा। समाज कल्याण निर्माण निगम की ओर से बनाए जा रहे वातानुकूलित प्रतीक्षालय व कमरों से लैस आधुनिक बस अड्डे व डिपो का काम 90 फीसद पूरा हो चुका है। इससे यात्रियों को ठहरने व बेहतर परिवहन की सहूलियत मिलेगी। साथ ही धर्म नगरी चित्रकूट का अन्य शहरों से सीधा जुड़ाव हो सकेगा। 22 साल बाद मिलेगा तोहफा
6 मई 1997 को बांदा से विभाजित कर चित्रकूट जनपद किया गया था। तब से यहां की परिवहन व्यवस्था बांदा के हाथ में ही है। अब दो से तीन माह में धर्म नगरी का अलग डिपो व बस अड्डा होने से देश के विभिन्न प्रांतों के लिए सीधी बस सेवा मिलने लगेगी। यह सुविधाएं भी होंगी
वाटर एटीएम, टूरिस्ट गाइड, लिफ्ट, लॉकर, स्ट्रांग रूम, पुलिस चौकी, फार्मेसी रूम, दुकानें, कैशियर कक्ष, दो एटीएम, दो शोरूम, डिजिटल डिस्प्ले, शौचालय ब्लॉक, नॉन एसी पुरुष व महिला डॉरमेट्री, किचन, पैंट्री, स्टोर आदि। जल संरक्षण का भी इंतजाम
आधुनिक सुविधाओं से युक्त बस स्टैंड पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की भी व्यवस्था होगी। बारिश समेत अन्य स्त्रोतों से संरक्षित पानी डिपो में बसों की धुलाई आदि में काम आएगा। इसके लिए अंडरग्राउंड 125 किलोलीटर का संपवेल बनेगा। साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण किया जाएगा। एक नजर में कार्य
स्वीकृत कुल धनराशि : 9.47 करोड़
पहली किश्त (मार्च 2015) : 2.00 करोड़
द्वितीय किश्त (मार्च 2017) : 4.38 करोड़ रुपये
तृतीय किश्त (मार्च 2018) : 3.09 करोड़ रुपये
कार्य शुरू हुआ : अप्रैल 2015
पूर्ण अवधि : मार्च 2019 ''बस अड्डा व डिपो निर्माण तेज किया गया है। बीच में करीब डेढ़ साल काम रुकने से दिक्कतें हुईं। जल्द निर्माण पूरा होने के बाद बसों का संचालन शुरू हो जाएगा। ''
- प्रेम नारायण बसेरिया, अधिशासी अभियंता, समाज कल्याण निर्माण निगम चित्रकूट