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प्रधानों की छुट्टी के बाद सचिव गोशाला संचालन में परेशान

जागरण संवाददाता चित्रकूट जिले के ग्राम पंचायत व विकास अधिकारियों (सचिवों) ने सोमवार को वि

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 11:06 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 11:06 PM (IST)
प्रधानों की छुट्टी के बाद सचिव गोशाला संचालन में परेशान
प्रधानों की छुट्टी के बाद सचिव गोशाला संचालन में परेशान

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : जिले के ग्राम पंचायत व विकास अधिकारियों (सचिवों) ने सोमवार को विकास भवन में प्रदर्शन किया। खुद की समस्याओं के साथ गोशाला संचालन में हो रही दिक्कतों को उच्च अधिकारियों के सामने रखा।

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जिला विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंप कहा कि 25 दिसंबर से कार्यकाल खत्म होने के बाद ग्राम प्रधान गोशाला संचालन में कोई सहयोग नहीं कर रहे हैं। एक सचिव के पास पांच-पांच ग्राम पंचायत का चार्ज है। ऐसे में ग्राम स्तर के कर्मचारी लेखपाल, एएनएम, सफाई कर्मी. चौकीदार व पशु चिकित्सक को भी जिम्मेदारी दी जाए। गोसेवकों के मासिक परिश्रमिक किस मद से किया जाए। भरण पोषण की धनराशि में विलंब न की जाए। यदि शीघ्र नहीं मिलेगी तो गोवंश भुखमरी का शिकार होंगे। चेतावनी दिया कि उत्तरदायी वह नहीं होंगे। गोवंशों की समय से चिकित्सा नहीं की जा रही है। गोशाला की गूगल मीट में सचिव की उपस्थित को लेकर अनावश्यक उत्पीड़न न किया जाए। उनके पास अत्यधिक कार्य है। माह में एक बार वीडियो कांफ्रेंसिग की जाए। ग्राम विकास अधिकारी संघ जिलाध्यक्ष सुरेंद्र नाथ सिंह ने कहा कि दस दिन के अंदर मांग पत्रों के सापेक्ष धनराशि अवमूक्त नहीं की जाती है तो गोवंशों को छोड़ देंगे। इसके अलावा संगठन में सचिव विपिन कश्यप, परिवर्तन प्रताप सिंह व विकास कुमार आदि के बहाली की मांग की। इस मौके पर ग्राम पंचायत अधिकारी संघ अध्यक्ष जय प्रकाश सिंह, सतीष पांडेय, अनुराग पांडेय, कमल सिंह रहे।

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गोपालकों के खातों में भेजे गए साढ़े नौ लाख जागरण संवाददाता, बांदा : घरों में अन्ना गायों को पालने वाले लोगों को पशुपालन विभाग द्वारा साढ़े नौ लाख से अधिक की धनराशि उनके खातों में भेजी गई है। जिले में सवा सौ से अधिक गोवंश लोग घरों में पाल रहे हैं। हालांकि योजना में कुछ नए लाभार्थियों के जुड़ने से अब इनकी संख्या बढ़ गई है।

प्रदेश सरकार द्वारा चलायी जा रही मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के अंतर्गत गोशालाओं के अलावा लोग घरों में भी निराश्रित (अन्ना) गोवंश पाल रहे हैं। योजना के तहत गोवंश पालने के लिए प्रतिदिन के हिसाब से प्रति गोवंश 30 रुपये सरकार द्वारा दिए जाते हैं। जिले में अभी तक 46 लाभार्थी ऐसे हैं जो घरों में 126 गोवंश पाल रहे हैं। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ.राजीव धीर ने बताया कि इन गोपालकों को योजना के अंतर्गत करीब नौ लाख 54 हजार की धनराशि उनके खातों में भेजी गई है। इधर 46 नए लाभार्थी योजना में शामिल हुए हैं और इन्होंने 54 गोवंश ली है।

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