भक्तिभाव से प्रारंभ हुई 84 कोसी परिक्रमा
जागरण संवाददाता, चित्रकूट: अनादिकाल से साधु संतों द्वारा निकाली जा रही 84 कोसी पैदल परिक्रमा
जागरण संवाददाता, चित्रकूट: अनादिकाल से साधु संतों द्वारा निकाली जा रही 84 कोसी पैदल परिक्रमा श्री रघुबीर मंदिर ट्रस्ट से प्रारंभ हुई। हजारों की संख्या में साधू संतों ने इस परिक्रमा को बडे ही श्रद्वा, विश्वास, भक्ति भाव से प्रारंभ किया ।
श्री रघुवीर मंदिर ट्रस्ट में जानकीकुण्ड चिकित्सालय के चिकित्सक डा बी.के. अग्रवाल ने सभी संतों का अभिवादन करते हुये तिलक, चंदन, पुष्पों से स्वागत कर परिक्रमा का शुभारंभ कराया। श्री राम संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य सुरेन्द्र तिवारी ने बताया कि भगवान राम को वनवास के समय भरत अयोध्या से पैदल चलकर चित्रकूट से वापस ले जाने के लिये आये थे, किन्तु राम ने माता पिता की आज्ञा को सिरोधार्य कर 14 वर्ष पश्चात ही वापस जाने की बात रखी। भरत ने राम की आज्ञा से चित्रकूट के सभी धार्मिक तीर्थ स्थलों के दर्शन पैदल ही किया था। इसी प्रेरणा से सभी संत प्रतिवर्ष श्री रघुवीर मंदिर से परिक्रमा प्रारंभ कर वापस यहीं पर समाप्त करते हैं। परिक्रमा का नेतृत्व कर रहे संत अवध बिहारी दास ने बताया कि प्रभु से मिलने की इच्छा एवं ऋषियों के बताए मार्ग पर हम चल रहे हैं। यह चौरासी कोसी परिक्रमा 27 दिनों में पूरी होती है। जनसामान्य का हित हो, प्रभु की भक्ति प्राप्त हो इस परिक्रमा का यही उद्देश्य है। यह परिक्रमा भजन एवं भक्ति का स्वरूप है इसलिये हम सब पैदल परिक्रमा कर रहे हैं। यह हमारी गुरु परम्परा है जो अनादिकाल से चित्रकूट के सभी तीर्थ स्थलों में प्रतिवर्ष इसी समय पर होती है। इस परिक्रमा में अनेक प्रभावशाली, भक्तिभाव से भरे संस्कार व संस्कृति के संवाहक संतों के दर्शन होते हैं। रघुवीर मंदिर से प्रारंभ होकर यह यात्रा स्फटिक शिला, टाठी घाट, अनुसुइया जी, गुप्त गोदवारी, मडफा, भरतकूप, व्यासकुण्ड, रमपुरा, सूरजकुण्ड, कर्वी गणेशबाग, सिद्धपुर कोटितीर्थ, देवांगना एवं हनुमानधारा होते हुये रघुवीर मंदिर में आकर सम्पन्न होगी। परिक्रमा प्रारंभ कराने में संत आनंददास साहब बाबा, बलरामदास के अलावा राजबहादुर ¨सह चौहान व भागवत प्रसाद द्विवेदी की अहम भूमिका रही।