पुलिस विवेचना में फंसा 46 लाख का कंडम विद्युतीकरण
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : दस साल पहले कामदगिरि परिक्रमा पथ पर करीब 46 लाख रुपये से करा
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : दस साल पहले कामदगिरि परिक्रमा पथ पर करीब 46 लाख रुपये से कराए गए विद्युतीकरण मामले में घोर लापरवाही पर मुकदमा दर्ज होने के बाद भी मामला विवेचना में फंसा है। आठ माह से पुलिस इसमें चार्जशीट नहीं लगा सकी है। परिक्रमा पथ के एक भी दिन रोशन नहीं होने के कारण जिलाधिकारी के निर्देश पर कार्यदायी संस्था समाज कल्याण निर्माण निगम विद्युत इकाई के खिलाफ यह रिपोर्ट दर्ज हुई थी। क्या था पूरा मामला
वर्ष 2008-09 में करीब 46.02 लाख रुपये से कामदगिरि पथ पर समाज कल्याण निर्माण निगम विद्युत इकाई ने विद्युतीकरण कराया था। लीपापोती कर वर्ष 2013 में इसको पर्यटक विभाग के माध्यम से नगर पालिका को सौंप दिया गया। घटिया निर्माण के कारण परीक्षण के दौरान पोल पर करंट उतरने से पालिका ने बिजली जलाने को लेकर हाथ खड़े कर दिए। घटिया निर्माण को दैनिक जागरण के मुद्दा बनाने पर वर्ष 2015 में तत्कालीन जिलाधिकारी नीलम अहलावत ने जांच कराई थी। सामने आई थी गड़बड़ी
जांच में सिर्फ पोल में करीब साढ़े तीन लाख रुपये के घालमेल की बात सामने आई थी। स्टीमेट में 142 किलोग्राम का एक पोल था जबकि लगाया महज 100 किलोग्राम का गया। 3.17 लाख रुपये के फर्जी बिल बाउचर लगाए गए। बताते हैं कि जांच टीम के सदस्य विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता ने अपेक्षित सहयोग नहीं किया था वर्ना यह और बड़े घोटाले के तौर पर सामने आता। जांच में सीएफएल, फि¨टग, पैनल बोर्ड, केबिल वायर, वैल्यूम, एसीएस कंडक्टर और जीआई पाइप आईएसआई मार्का नहीं लगे थे। मूल जांच रिपोर्ट गायब
एसडीएम सदर की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच टीम की रिपोर्ट की मूल प्रति भी गायब कर दी गई थी। वर्ष 2017 में तत्कालीन जिलाधिकारी शिवा कांत द्विवेदी ने मूल फाइल गायब करने वालों के खिलाफ एफआइआर की बात कही थी लेकिन हुआ कुछ नहीं। इनका कहना है
मामले की विवेचना हो रही है। कुछ अधिकारियों के बयान दर्ज कर लिए गए है लेकिन कागजात नहीं मिल रहे हैं। सहयोग भी नहीं मिलने से दिक्कत है।
-केपी यादव, विवेचक व प्रभारी, पुलिस चौकी सीतापुर विवेचना में कोई दिक्कत है तो पुलिस संबंधित विभाग से संपर्क करे। जांच में सहयोग करने वालों की जानकारी उनको दें, कड़ी कार्रवाई होगी।
-विशाख जी, जिलाधिकारी चित्रकूट