चित्रकूट में 45.29 वर्ग किमी बढ़ा जंगल
जागरण संवाददाता चित्रकूट प्रभु श्रीराम ने जिन जंगलों में अपने वनवास काल काटा था वह फिर से
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : प्रभु श्रीराम ने जिन जंगलों में अपने वनवास काल काटा था वह फिर से हरे भरे हो रहे हैं। यह इंडियन सर्वे आफ फारेस्ट (आइएसएफआर) की रिपोर्ट में सामने आया है। अंधाधुंध कटान के घट रहे जंगल के क्षेत्रफल में इजाफा पाया गया है। यह सब सरकार के सफल पौधारोपण से हुआ है।
आइएसएफआर ने वर्ष 2021 की सर्वे रिपोर्ट शनिवार को जारी की है। जिसके मुताबिक मीरजापुर और सोनभद्र में जंगल को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। मीरजापुर में 57 वर्ग किमी और सोनभद्र में 103 वर्ग किमी जंगल कम हो गया है। वहीं चित्रकूट और सहारनपुर (शिवालिक) ने वन क्षेत्र वृद्धि दर्ज की गई है। प्रभागीय वनाधिकारी आरके दीक्षित ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार चित्रकूट में 45.29 वर्ग किमी और सहारनपुर में 49.92 वर्ग किमी के जंगल की सर्वश्रेष्ठ वृद्धि हुई है। पूर्व में अवैध कटाई के लिए कुख्यात तराई संभाग गोंडा, बहराइच व श्रावस्ती में वनों का कोई नुकसान दर्ज नहीं किया गया है, बल्कि उन्होंने वन क्षेत्र में परिवर्तन को बढ़ा दिया है। उन्होंने बताया कि दो साल में करीब तीन हजार हेक्टेयर पौधारोपण विभिन्न क्षेत्र में कराया गया था। जो अच्छी बारिश और सुरक्षा के कारण सफल रहा। इसके कारण ही चित्रकूट में जंगल हरे भरे हुए है।