शहीद अवधेश के सम्मान में युवा निकालेंगे तिरंगा यात्रा
शहीदों के मजारों पर लगेंगे हर बरस मेलेवतन पर मरने वालों का यहीं बांकी निशा होगा।किसी रचनाकार ने शहीदों के सम्मान के लिए इस पंक्ति को बनाया था।14 फरवरी को पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए अवधेश यादव को धीरे धीरे एक साल बीत गए।शहीद के याद में क्षेत्र के युवा शुक्रवार को तिरंगा यात्रा निकालेंगे।जो एम्बिशन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से शुरु होकर गांव स्थित खलिहान तक पहुचेंगी।जहां शहीद के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ ही शोकसभा की जायेगी।
पड़ाव(चंदौली): शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा। 14 फरवरी को पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए अवधेश यादव की बरसी पर क्षेत्र के युवा शुक्रवार को तिरंगा यात्रा निकालेंगे। यह एंबिशन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से शुरु होकर गांव स्थित खलिहान तक पहुंचेगी।जहां शहीद के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ ही शोकसभा की जाएगी।
शहीद के पिता पीएम से मिलकर सुनाएंगे पीड़ा
शहीद के पिता हरकेश यादव ने जागरण से बातचीत के दौरान अपना दर्द बयां किया। उनको इस बात की तकलीफ आज भी है कि शहादत पर ढांढस बंधाने आए मंत्री व अधिकारियों द्वारा किये गए वादों को आजतक पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि 16 फरवरी को पीएम नरेंद्र मोदी पड़ाव आ रहे हैं। उनसे मिलकर अपनी पीड़ा को सुनाएंगे। वादों को पूरा नहीं कर शहीद का अपमान किया जा रहा है। पीएम से मिलने के लिए जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल से अनुरोध करेंगे।
शहीद की याद में आज भी रोता है परिवार
सीमा पर भारत मां की रक्षा में जान न्योछावर करने में जवान गर्व महसूस करते हैं। परिवार भी सीना चौड़ा कर शहीद की बहादुरी के किस्से सुनाते हैं। लेकिन जब कोई पर्व या कार्यक्रम होता हैं तो शहीद अवधेश की याद में आंख भर आती है। अवधेश यादव के पिता हरकेश यादव, मां मालती देवी की आंखें आज भी अपने बेटे की राह देख रही हैं। भाई बृजेश यादव को अफसोस है कि अगर मैं भी सेना में जा सकता तो भाई की शहादत का बदला जरूर लेता।
अभी भी वादों को पूरा करने का है इंतजार
जब अवधेश यादव आतंकी हमले में शहीद हुए। मंत्री, सांसद से लगायत स्थानीय स्तर के तमाम नेता ढांढस बंधाने उनके घर पहुंचे थे। परिवार सहित ग्रामीणों ने स्थानीय चौराहे पर शहीद के नाम प्रवेश द्वार, गांव स्थित खलिहान में मिनी स्टेडियम के साथ ही पड़ाव-भूपौली मार्ग से गांव को जाने वाले मार्ग को शहीद के नाम रखने की मांग किया था। आश्वासन भी मिला लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ, जिसका मलाल आज भी लोगों को है।