शराब की दुकान खोलने पर आधी आबादी ने जताया विरोध
वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन के तीसरे चरण की शुरुआत में ही सरकार ने शराब की दुकानें खोलने की छूट दे दी। सरकार के इस निर्णय के पीछे भले ही राजस्व बढ़ोतरी
जासं, ताराजीवनपुर (चंदौली) : वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन के तीसरे चरण की शुरुआत में ही सरकार ने शराब की दुकानें खोलने की छूट दे दी। सरकार के इस निर्णय के पीछे भले ही राजस्व बढ़ोतरी हो लेकिन महिलाएं इसके खिलाफ हैं। डा. भूमिका शर्मा ने कहा अभी इस महामारी से लड़ने के लिए और ज्यादा सक्रियता दिखाते हुए घरों में कैद रहने व लोगों से शारीरिक दूरी बनाए रखने की जरूरत है लेकिन सरकार द्वारा मदिरा की दुकानों को खोलकर इतने दिनों की मेहनत पर पानी फिरने की संभावना है। कोरी निवासी इंद्रावती यादव ने भी असहमति जताई। कहा अभी कुछ दिनों तक और सरकार को इस पर रोक लगानी चाहिए थी। जिस तरह से शराब की दुकानों पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो रही है। इससे लोगों के मन में महामारी के फैलने का भय बढ़ गया है। सोनी शर्मा ने कहा पूरा विश्व कोविड-19 के चपेट में है। राष्ट्रों की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो गई है। लोग जगह-जगह फंसे हुए हैं। खाने को मोहताज हैं। घरों से निकल कर अपने कार्य को शुरू करने के लिए परेशान हैं। ऐसे में शराब की दुकानों पर लोगों की भीड़ चिता का विषय है। गरीब परिवारों की स्थिति पहले ही काफी दयनीय हो चुकी है। ऐसे में शराब की दुकानों को खोलकर गरीब परिवारों के सामने एक नया संकट पैदा कर दिया गया है। सरकार को इस विषय पर पुन: विचार करना चाहिए। अनीता यादव ने कहा कि सरकार को शराब की दुकानों को बंद कर देना चाहिए।