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नसबंदी बाद महिलाओं को नहीं मिला स्ट्रेचर

शहाबगंज चंदौली स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गुरुवार को लगे नसबंदी श्ि

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 12:55 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 12:55 AM (IST)
नसबंदी बाद महिलाओं को नहीं मिला स्ट्रेचर
नसबंदी बाद महिलाओं को नहीं मिला स्ट्रेचर

जागरण संवाददाता, शहाबगंज (चंदौली) : स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गुरुवार को लगे नसबंदी शिविर में अव्यवस्था का बोलबाला रहा। महिलाओं को आपरेशन के लिए जेब ढीली करनी पड़ी। ओपीडी में आने को स्ट्रेचर तक नहीं मिला। परेशान परिजन महिलाओं को गोद में लेकर आपरेशन थिएटर तक गए। शिविर में 75 महिलाओं ने पंजीकरण कराया था।

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महिलाओं ने कहा शिविर तो लगा दिया लेकिन विभाग की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। बेड न होने पर उन्हें चबूतरे पर लेटना पड़ा। महिलाओं ने इसकी शिकायत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मंडल प्रबंधक अरविद कुमार श्रीवास्तव से की तो उन्होंने आपरेशन कार्य रुकवा दिया। वे जिले के दौरे पर थे इसलिए कुछ ही देर में वहां पहुंच गए। चकिया से एक अन्य चिकित्सक डाक्टर अशोक कुमार को बुलाकर आपरेशन शुरू कराया। मरीजों ने उन्हें बाहर से लिखी दवा की पर्ची दिखाई। दु‌र्व्यवस्था पर संबंधितों को फटकार लगाई। कहा पूरे प्रकरण की जानकारी स्वास्थ्य निदेशक व मंडलायुक्त को देंगे। वहीं जानकारी के बाद सीडीओ अजितेंद्र नारायण व सीएमओ डा. आरके मिश्र ने भी पीएचसी का निरीक्षण किया और चिकित्सकों की क्लास लगाई। केंद्रों पर बच्चों के स्वास्थ्य की हो जांच, कराएं तौल

जागरण संवाददाता, चंदौली : समेकित बाल विकास विभाग की ओर से गुरुवार को विकास भवन सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सुपरवाइजर को केंद्रों पर बच्चों के स्वास्थ्य जांच तथा तौल करके चिह्नित करने के बाबत जानकारी दी गई। उन्हें कुपोषण की बीमारी से निजात दिलाने के लिए लोगों को जागरूक करने पर भी जोर दिया गया।

सीडीपीओ अमरनाथ मौर्य ने कहा कुपोषित बच्चों का नियमित उपचार होना चाहिए। उन्हें नियमित पोषक आहार देना जरूरी है। बच्चों में बीमारी का प्रमुख लक्षण कम वजन, अति दुबलापन और पैर में सूजन ज्यादा पाया जाता है। इसके तहत सबसे पहले बच्चे का वजन ठीक प्रकार से लेना जरूरी है। यह सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर उपलब्ध है। इसके बाद बच्चे को उपचार देने के लिए संबंधित पीएचसी और सीएचसी के चिकित्सकों से संपर्क करें। डीपीओ नीलम मेहता, राजेंद्र कुमार आदि मौजूद थे।


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