जब चिकित्सक ही फेरेंगे मुंह तो कैसे 'दीर्घायु' होगा 'आयुष्मान भारत'
'आयुष्मान भारत' कैसे 'दीर्घायु' होगा जब उसके पालनहार ही मुंह फेर रहे। सरकार के इस उपहार के बाद भी गरीबों को कोई लाभ नहीं मिल रहा। प्राइवेट अस्पताल योजना का नाम सुनते ही मरीजों पर भड़क रहे, सरकारी अस्पतालों में बोला जा रहा इसके लिए कोई पात्र नहीं। अनदेखी का ही नतीजा कि डेढ़ महीने में मात्र 22 मरीजों को योजना का लाभ मिला। इसमें भी एक निजी अस्पताल के आंख के 10 आपरेशन शामिल हैं।
जितेंद्र उपाध्याय
चंदौली : 'आयुष्मान भारत' से जब चिकित्सक ही मुंह फेर लेंगे तो योजना 'दीर्घायु' कैसे होगी, यह यक्ष प्रश्न है। सरकार के इस उपहार के बाद भी गरीबों को योजना का कोई लाभ नहीं मिल रहा। प्राइवेट अस्पताल योजना का नाम सुनते ही मरीजों पर नाराज हो जा रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में तो कोई पात्र नहीं है कहकर सीधे मुक्ति पा ली जा रही है। नतीजा यह कि डेढ़ महीने में मात्र 22 मरीजों को ही योजना का लाभ मिल पाया। इसमें भी एक निजी अस्पताल के आंख के 10 आपरेशन शामिल हैं।
पांच लाख तक मुफ्त इलाज को भारत सरकार ने 23 सितंबर को आयुष्मान भारत योजना लांच की। इसके लिए जिले में पांच राजकीय अस्पतालों में चंदौली जिला अस्पताल, चकिया संयुक्त अस्पताल, नौगढ़, धानापुर और सकलडीहा सीएचसी को चुना गया। जबकि सात निजी अस्पताल इसके लिए चयनित हुए। नौगढ़ सीएचसी में योजना के तहत अब तक नौ, चकिया संयुक्त अस्पताल में तीन और निजी अस्पताल आरके नेत्रालय में 10 आंखों के आपरेशन हुए। इसके अलावा अन्य किसी अस्पताल ने आज तक एक भी केस नहीं किया। जबकि इन अस्पतालों की हालत ये है कि हर रोज एक-एक अस्पताल से औसतन ढाई सौ से तीन सौ ओपीडी होती है। जिला अस्पताल की ही ओपीडी आठ सौ के आसपास है। बड़े मर्ज के इलाज पर इन अस्पतालों में मरीजों को फटकार कर लौटाया जा रहा है। स्टेट हेल्थ एजेंसी ने मांगा स्पष्टीकरण
आयुष्मान भारत में रुचि न लेने वाले अस्पताल संचालकों से स्टेट एजेंसी ने स्पष्टीकरण मांगा है। कहा है कि गरीबों को योजना का लाभ न देने पर क्यों न अस्पतालों को योजना की सूची से बाहर कर दिया जाए। यही निर्देश सरकारी अस्पतालों को भी जारी हुआ है। 31 नए अस्पतालों ने किया आवेदन
आयुष्मान भारत योजना से जुड़ने के लिए 31 निजी अस्पतालों ने आनलाइन आवेदन किया है। इन अस्पतालों की जांच डीएम द्वारा गठित कमेटी करेगी। योजना से जुड़े मानकों पर जो अस्पताल खरे उतरेंगे उन्हें योजना से जोड़ा जाएगा। 'सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। निर्देश भी दिया गया इसमें व्यक्तिगत रुचि लेकर गरीबों को इसका लाभ दिलाएं। अस्पतालों की वस्तु स्थिति से शासन को अवगत कराया जाएगा।
डा. पीके मिश्र, सीएमओ