मौसम की अनुकूलता बढ़ाएगी गेहूं का उत्पादन..
धान के कटोरे में मौसम की अनुकूलता गेहूं के उत्पादन में बढ़ोत्तरी करेगी। आने वाले दिनों में भी मौसम अनुकूल बना रहा तो उत्पादन तो बढ़ेगा ही गुणवत्ता पर भी बेहतर प्रभाव पड़ेगा। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि गेहूं की फसल के विकास के लिए मौसम पूरी तरह अनुकूल है। हालांकि तेज हवा के साथ बारिश होने पर फसल को नुकसान पहुंच सकता है।
जासं, चंदौली : धान के कटोरे में मौसम की अनुकूलता गेहूं के उत्पादन में बढ़ोत्तरी करेगी। आने वाले दिनों में भी मौसम अनुकूल बना रहा तो उत्पादन तो बढ़ेगा ही गुणवत्ता पर भी बेहतर प्रभाव पड़ेगा। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि गेहूं की फसल के विकास के लिए मौसम पूरी तरह अनुकूल है। हालांकि तेज हवा के साथ बारिश होने पर फसल को नुकसान पहुंच सकता है।
रबी के चालू सीजन में गेहूं की खेती 1,13,766 हेक्टेअर में की गई है। कृषि विभाग की ओर से 383.589 मैट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित है। वहीं उत्पादकता 33.72 क्विटल प्रति हेक्टेअर है। पिछले वर्ष की तुलना में उत्पादन व उत्पादकता में वृद्धि की गई है। वर्तमान में 90 फीसदी फसल में बालियां निकल गई हैं। देर से बोई गई फसल भी विकास पर है। पिछले दिनों आए दिन आसमान में छायी बदली के कारण फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ने की आशंका बढ़ गई थी लेकिन एक सप्ताह से वातावरण में सुबह, शाम बनी नरमी फसल के लिए लाभदायक सिद्ध हो रही है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गेहूं की फसल के लिए 21 से 24 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान अनुकुल है। दिन में 12 बजे के बाद तापमान में बढ़ोत्तरी हो रही लेकिन इससे नुकसान की संभावना नहीं के बराबर है।
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वर्जन
गेहूं की फसल के लिए मौसम अनुकूल है। आने वाले दिनों में भी ऐसे ही बना रहा तो उत्पादन तो बेहतर होगा ही दानों की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।
डा. अभयदीप गौतम, पादप वैज्ञानिक
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वर्जन
गेहूं की फसल के लिए मौसम की अनुकूलता बनी हुई है। हालांकि आने वाले दिनों में तेज हवा के साथ बारिश हुई तो फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। चालू सीजन में बेहतर उत्पादन की उम्मीद है।
विजय सिंह, कृषि उपनिदेशक