बकाएदार किसान 2019 की करने लगे प्रतीक्षा
जासं, सकलडीहा (चंदौली) : मुख्यमंत्री की चुनावी घोषणा अब बैंकों के लिए परेशानी का सबब बन गइ
जासं, सकलडीहा (चंदौली) : मुख्यमंत्री की चुनावी घोषणा अब बैंकों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। ऋणमोचन योजना के तहत एक लाख तक कर्ज माफी का लाभ उठाने के बाद किसानों ने बैंकों का ऋण न जमा करने का बहाना ढूंढ लिया है। किसान ऋण के तहत भारी रकम किसानों में बांट चुके बैंकों को अब रकम वापसी के लिए नाकों-चने चबाने पड़ रहे हैं।
बैंक ऑफ बड़ौदा की स्थानीय शाखा में पांच सौ किसान ऋणदाताओं के पास बैंक का छह करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि शेष है। यूपी सरकार की ऋणमोचन योजना के तहत माफी के बाद बची यह भारी धनराशि अब बैंकों के गले की फांस बन गई है।
उक्त धनराशि के लिए बैंक के दबाव के बाद भी बकाएदार किसान ऋण की अदायगी में दिलचस्पी नही दिखा रहे। इससे बैंकों की अन्य योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। तकादा के दौरान प्रबंधक को ऋणदाताओं द्वारा 2019 में'मोदी सारे ऋण माफ कर देंगे' जैसे अजीबो-गरीब तर्क से दो-चार होना पड़ रहा है। इन तर्कों से वास्तव में सरकार की किसान हित में किए गए फैसलों पर सवाल उठा रहे हैं। इसका बैंक ऑफ बड़ौदा एक छोटा उदाहरण है। कमोबेश यही हाल सभी बैंकों का है। शाखा प्रबंधक ऐसी परेशानियों से जूझ रहे हैं। बीओबी प्रबंधक आरआर ¨सह के मुताबिक किसान ऋण चुकाने में कोई दिलचस्पी नही दिखा रहे।