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वीआइपी नंबर के लिए ऑनलाइन लगेगी बोली

आपको अपने वाहन के लिए 6767 7575 2222 1001 .. जैसे वीआइपी नंबर लेना हो तो इसके लिए ऑनलाइन बोली लगानी होगी। अब ऐसे नंबर लेना आसान नहीं होगा। वाहन स्वामी को इसके लिए जेब ढीली करनी पड़ेगी। वाहनों के लिए चार तरह की श्रेणी में वीआइपी नंबर रखे गए हैं। परिवहन विभाग ने इसकी तैयारी पूरी कर लिया है। शासन ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। आदर्श आचार संहिता लागू होने से पूर्व ही इसकी कवायद शुरू हो गई थी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 06:52 PM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 06:52 PM (IST)
वीआइपी नंबर के लिए ऑनलाइन लगेगी बोली
वीआइपी नंबर के लिए ऑनलाइन लगेगी बोली

जासं, चकिया (चंदौली) : आपको अपने वाहन के लिए 6767, 7575, 2222, 1001 .. जैसे वीआइपी नंबर लेना हो तो इसके लिए ऑनलाइन बोली लगानी होगी। अब ऐसे नंबर लेना आसान नहीं होगा। वाहन स्वामी को इसके लिए जेब ढीली करनी पड़ेगी। वाहनों के लिए चार तरह की श्रेणी में वीआइपी नंबर रखे गए हैं। परिवहन विभाग ने इसकी तैयारी पूरी कर लिया है। शासन ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। आदर्श आचार संहिता लागू होने से पूर्व ही इसकी कवायद शुरू हो गई थी।

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परिवहन विभाग की वेबसाइट पर अभी तक वीआइपी नंबरों का ऑनलाइन पंजीकरण होता था। इसको लेकर लगातार विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे थे। इसके ²ष्टिगत शासन ने वीआइपी कोटे के नंबरों के पंजीकरण की व्यवस्था में बदलाव कर पारदर्शिता लाने की दिशा में कदम उठाया। अब ऐसे नंबर को ऑनलाइन बुक नहीं किया जाएगा, बल्कि उसे खरीदा जाएगा। विभाग के मुताबिक, इसके लिए परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपने पसंदीदा नंबर की बोली लगानी होगी। जिसकी जितनी अधिक बोली होगी, नंबर उसी को अलॉट किया जाएगा। विभाग ने वीआइपी नंबरों को चार भागों में बांटा है। इसमें एक से 10 अंक वाले नंबरों की फीस करीब 15000 रुपये होगी जबकि एक अंक व डबल शून्य के साथ नंबरों की फीस साढ़े सात हजार रुपये निर्धारित है। सीरीज में एक समान दो अंक लेने पर छह हजार रुपये और क्रमवार नंबरों को भी वीआइपी नंबर की श्रेणी में होंगे।

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चार दिन का मिलेगा समय

वाहन स्वामी को नीलामी में पसंदीदा नंबर पर बोली लगाने के लिए चार दिन का समय मिलेगा। तय सीमा में सबसे अधिक बोली वाले वाहन स्वामी के नाम, नंबर छोड़ा जाएगा। इस व्यवस्था में विभाग को लाभ होगा।

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वर्जन..

वीआइपी नंबरों को जारी करने को लेकर विभाग ने नई व्यवस्था लागू की है। पारदर्शिता लाना मुख्य मकसद है। सर्वाधिक बोली लगाने वाले स्वामी को वीआइपी नंबर अलॉट हो सकेगा।

विजय प्रकाश सिंह, एआरटीओ प्रवर्तन


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