एपीओ मनरेगा के खिलाफ ग्राम प्रधानों ने चलाया हस्ताक्षर अभियान
एपीओ मनरेगा के खिलाफ प्रधानों ने चलाया हस्ताक्षर अभियान
जासं, चकिया (चंदौली) : मनरेगा एपीओ राजीव कुमार के तानाशाह रवैये से स्थानीय विकास खंड के प्रधानों में आक्रोश है। गुरुवार को प्रधान संघ अध्यक्ष बब्बन सिंह यादव के नेतृत्व में प्रधानों ने हस्ताक्षर अभियान चलाया। जिला प्रशासन व मुख्यमंत्री को पत्राचार के माध्यम से उनके भ्रष्टाचार को अवगत कराने का निर्णय लिया। चेताया लॉकडाउन की समाप्ति पर विकास खंड कार्यालय में तालाबंदी होगी। जब तक उस अधिकारी का स्थानांतरण नहीं हो जाएगा, तब तक प्रधान लोकतांत्रिक ढंग से आंदोलन जारी रखेंगे।
प्रधानों ने कहा कि गांव के विकास के लिए हम तात्पर्य रहते हैं। मनरेगा योजना के तहत कराए गए कार्यों के भुगतान का समय आया तो डोंगल ही नहीं लग पाया। ग्राम पंचायतों को सामग्री अंश में फूटी कौड़ी नहीं मिल पाई है। लॉकडाउन लागू होने से पूर्व ही बकाए के लिए फर्म संचालक प्रधानों के यहां चक्कर लगाना शुरू कर दिए थे। प्रधानों ने एपीओ मनरेगा की लापरवाही से भुगतान नहीं होने का आरोप लगाया। बताया वित्तीय वर्ष 2019-20 में मनरेगा के तहत गांवों में गोशाला, नाली, आंगनबाड़ी भवन, सीसी मार्ग का निर्माण कराया गया। 89 ग्राम पंचायतों में इन कार्यो पर करीब छह करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन सूबे को मैटेरियल्स के भुगतान को करीब 436 करोड़ रुपये धन आवंटित हुआ। आठ विकास खंडों का डोंगल तो लगा, लेकिन स्थानीय विकास खंड की उपेक्षा एपीओ की लापरवाही से हुई। गांवों में कराए गए कार्यो का भुगतान नहीं हो सका। इससे प्रधान संघ मायूस है। उन्होंने कार्यो के भुगतान के लिए एपीओ पर कमीशन लेने का आरोप लगाया। बताया एपीओ ने प्रत्येक कार्यो के भुगतान के लिए कमीशन मांगा था। चेताया एपीओ को जब तक हटाया नहीं गया, तब तक प्रधान मनरेगा योजना से कार्य नहीं कराएंगे। प्रधान इंजीनियर अवधेश यादव, मोहन पासवान, राजेश यादव, अनिता शर्मा, सुशीला देवी, रामकृष्ण देवगौड़ा, सतीश सिंह, जनार्दन सिंह, अनीता श्रीवास्तव आदि प्रधानों ने पत्र पर हस्ताक्षर किया।