डग्गामार वाहनों से सफर तय कर रहे वनांचलवासी, आक्रोश
वनांचल में रोडवेज बसों का संचालन नहीं होने से यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा। डग्गामार वाहनों से यात्रा करना लोगों की मजबूरी बन गई है। आरोप है कि मनमाना किराया वसूलने से आए दिन सहचालक व सवारियों में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जा रही है। चकरघट्टा से तहसील मुख्यालय को जोड़ने वाले मार्ग पर सवारी वाहनों का टोटा है।
जासं, नौगढ़ (चंदौली) : वनांचल में रोडवेज बसों का संचालन नहीं होने से यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा। डग्गामार वाहनों से यात्रा करना लोगों की मजबूरी बन गई है। आरोप है कि मनमाना किराया वसूलने से आए दिन सह-चालक व सवारियों में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जा रही है। चकरघट्टा से तहसील मुख्यालय को जोड़ने वाले मार्ग पर सवारी वाहनों का टोटा है। नौगढ़-सोनभद्र मार्ग पर भी रोडवेज बस का संचालन नहीं हो रहा। वहीं कस्बे से चकिया व वाराणसी जाने के लिए एक ही रोडवेज बस का संचालन हो रहा। दशा यह कि बस कभी आती, कभी नहीं भी आती है। इससे क्षेत्रवासी आक्रोशित हैं।
डिजिटल युग में खटारा वाहनों से जिला मुख्यालय सहित अन्य स्थानों का सफर खतरे से खाली नहीं है। बेतरतीब वाहन चलाने से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। जिला सृजन के वर्षों बाद भी चकिया-नौगढ़ मार्ग पर रोडवेज बस सेवा मयस्सर नहीं हो सकी है। ऐसे में डग्गामार वाहन ही यात्रा का सहारा हैं। आरोप है कि जिला प्रशासन से कई बार फरियाद के बाद भी रोडवेज की बसें नहीं चलाई गईं। आजादी के सात दशक बीतने के बाद भी तहसील मुख्यालय से रोडवेज की गाड़ियां रफ्तार नहीं भर रहीं हैं। एक बस कस्बे तक जरूर आती है। लेकिन, समय निर्धारित नहीं होने से इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। चकिया-नौगढ़, नौगढ़-चकरघट्टा, मधुपुर-नौगढ़, तिवारीपुर-नौगढ़, तिवारीपुर-सोनभद्र सहित कस्बे से गांवों को जोड़ने वाले मार्गों पर निजी सवारी वाहन ही चलते हैं। सुविधाओं का अभाव, निजी वाहनों की मनमानी का खामियाजा स्थानीय यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। तहसील मुख्यालय पर राज्य सड़क परिवहन विभाग का बस स्टैंड नहीं है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया है।