(चुनाव)चुनाव ड्यूटी से भागने की कोशिश की तो जाएगी नौकरी
चुनाव ड्यूटी से पीछा छुड़ाने की कोशिश मतदान कार्मिकों को भारी पड़ सकती है। जिला प्रशासन बीमारी का हवाला देकर चुनाव ड्यूटी से भागने वाले कार्मिकों के खिलाफ सख्त रूख अख्तियार करने के मूड में हैं। ऐसे कार्मिकों को विभागीय काम करने में असमर्थ मानते हुए उनकी सेवानिवृत्ति को शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
जागरण संवाददाता, चंदौली : चुनाव ड्यूटी से पीछा छुड़ाने की कोशिश मतदान कार्मिकों को भारी पड़ सकती है। जिला प्रशासन बीमारी का हवाला देकर चुनाव ड्यूटी से भागने वाले कार्मिकों के खिलाफ सख्त रूख अख्तियार करने के मूड में हैं। ऐसे कार्मिकों को विभागीय काम करने में असमर्थ मानते हुए उनकी सेवानिवृत्ति को शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
लोकसभा चुनाव की तिथियां नजदीक आते ही कार्मिकों की बीमारियां उभरने लगी हैं। विभागीय कार्यों के साथ ही घर-गृहस्थी की चिता भी सताने लगी है। चुनाव ड्यूटी कटवाने को कार्मिक तमाम तरह की जुगत में लग गए हैं। संबंधित अधिकारियों के यहां जुगाड़ लगाए जा रहे हैं। ताकि चुनाव ड्यूटी से मुक्ति मिल सके। कार्मिकों की ओर से शुगर, ब्लड प्रेशर, हार्ट की गंभीर बीमारी का हवाला दिया जा रहा है। हालांकि निर्वाचन आयोग ने मतदान कार्मिकों को ड्यूटी से मुक्त न करने का स्पष्ट निर्देश जारी किया है। जिला प्रशासन भी चुनाव ड्यूटी से पीछा छुड़ाने की कोशिश में लगे कार्मिकों के विरूद्ध नरमी के मूड में नहीं दिख रहा। जिला निर्वाचन अधिकारी नवनीत सिंह चहल ने ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति को रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजने का निर्देश दिया है। मतदान कार्मिक प्रभारी डा. एके श्रीवास्तव ने बताया कि चुनाव ड्यूटी में किसी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी। गंभीर रोगियों व बीमारी से पीड़ितों की जांच को सीएमओ की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय मेडिकल बोर्ड गठित किया गया है। बोर्ड की संस्तुति पर ही चुनाव ड्यूटी से मुक्त किया जाएगा।