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होमगार्ड व पीआरडी जवानों के सहारे यातायात व्यवस्था, संसाधनों की कमी

जागरण संवाददाता चंदौली यातायात व संभागीय परिवहन विभाग संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। वि

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 08:00 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 08:00 PM (IST)
होमगार्ड व पीआरडी जवानों के सहारे यातायात व्यवस्था, संसाधनों की कमी
होमगार्ड व पीआरडी जवानों के सहारे यातायात व्यवस्था, संसाधनों की कमी

जागरण संवाददाता, चंदौली : यातायात व संभागीय परिवहन विभाग संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। विभागों में कांस्टेबल की कमी है। वहीं पीटीओ, प्रवर्तन पर्यवेक्षक व चालकों के पद रिक्त हैं। ओवरलोड व बिना कागजात के वाहनों को पकड़ने के बाद थानों में उन्हें खड़ा कराने के लिए स्थान नहीं हैं। इससे परेशानी और बढ़ जाती है। जिले में चिह्नित 14 स्थानों पर यातायात व्यवस्था सुचारू न होने से जाम लगता है। वहीं दुर्घटनाओं पर लगाम भी नहीं लग पा रहा है।

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यातायात विभाग को जनपद सृजन के करीब 22 साल बाद दफ्तर नसीब हुआ है। इससे पहले यातायात निरीक्षक का कार्यालय पुलिस लाइन के बाहर टिन शेड के भवन में किसी तरह चलता था। तीन माह पूर्व कार्यालय को पुलिस लाइन परिसर के अंदर शिफ्ट किया गया। कर्मियों को कंप्यूटर समेत अन्य संसाधन मुहैया कराए गए। लेकिन कर्मियों की कमी है। विभाग में पांच हेड कांस्टेबल, आठ दीवान, 11 कांस्टेबल हैं। मानक के अनुरूप 22 लाख की आबादी व चार नगर निकायों वाले जिले में यातायात पुलिस के करीब दो दर्जन से अधिक कांस्टेबल होने चाहिए। ताकि उन्हें भीड़ वाले इलाकों में तैनात कर यातायात व्यवस्था को सुचारू रखा जा सके। मुख्यालय स्थित सदर कचहरी व बबुरी रोड, पीडीडीयू नगर में जीटी रोड पर जीटीआर ब्रिज से लेकर सब्जी मंडी तक भीषण जाम लगता है। यहां वाहन रेंगते हुए चलते हैं। लाख प्रयास के बावजूद जाम की समस्या दूर नहीं हो सकी। इससे दुर्घटनाएं भी होती हैं। पुलिसकर्मियों की कमी से जूझते विभाग को 15 होमगार्ड व 18 पीआरडी जवानों की मदद लेनी पड़ रही है। मुख्यालय पर यातायात व्यवस्था को सुचारू रखना इनकी ही जिम्मेदारी है।

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यातायात पुलिस के पास एक ही वाहन

यातायात पुलिस के पास सिर्फ एक ही वाहन है। यातायात निरीक्षक इस वाहन से चलते हैं। दिन में कई बार चंदौली से पीडीडीयू नगर जाना पड़ता है। ऐसे में यदि कांस्टेबल आदि को कहीं दूसरे स्थान पर भेजना पड़े तो मुश्किल खड़ी हो जाती है।

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संभागीय परिवहन विभाग में

भी संसाधनों का टोटा

अति पिछड़े जिले में संभागीय परिवहन विभाग में भी कर्मियों के साथ संसाधनों का अभाव है। यहां पीटीओ का एक, प्रवर्तन पर्यवेक्षक के दो, कांस्टेबल के 10 व चालक के दो पद रिक्त हैं। फिलहाल विभाग में पांच कांस्टेबल काम कर रहे हैं। वहीं संविदा पर वाहनों की व्यवस्था होने से चालक उपलब्ध हैं। लेकिन यदि वाहन स्वामी संविदा समाप्त कर वाहन ले जाए तो संभागीय परिवहन अधिकारियों के आवागमन के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। कई बार ट्रक चालक वाहन छोड़कर फरार हो जाते हैं। विभागीय चालक न होने की वजह से ऐसे वाहनों को थाने पहुंचाने में भी दिक्कत होती है।

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वाहन सीज करने के बाद

कहां खड़ा कराएं

संभागीय परिवहन विभाग की ओर से ओवरलोड ट्रकों को सीज करने की कार्रवाई की जाती है। लेकिन वाहनों को थानों में खड़ा कराने में तमाम तरह की दिक्कतें आती हैं। जनपद में सैयदराजा, सदर कोतवाली व औद्योगिक नगर चौकी के अलावा अन्य किसी भी थाने में वाहनों को खड़ा नहीं कराया जाता है। पुलिस की ओर से वाहनों को अपनी कस्टडी में लेने के बाद काजगात उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया जाता है। इससे दिक्कत होती है।

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गैरजनपद में ड्यूटी लगने

से व्यवस्था होती है ध्वस्त

विशेष परिस्थितियों व वीआइपी आगमन के मद्देनजर जिले के अधिकारियों की गैरजनपद में ड्यूटी लगाई जाती है। फिलहाल वाराणसी में पीएम आगमन के मद्देनजर एआरटीओ प्रवर्तन की ड्यूटी बनारस में लगाई गई है। इससे जिले में वाहनों की चेकिग नहीं हो पा रही है। समय-समय पर अधिकारियों को गैर जनपद बुलाया जाता है। यह भी बड़ी समस्या है।

--------- वर्जन..

जिले में संसाधनों की कमी दूर करने के लिए परिवहन निदेशालय को कई बार पत्र भेजा जा चुका है। जिलाधिकारी के स्तर से भी पत्राचार किया गया है लेकिन अभी तक रिक्त पदों को भरा नहीं गया। कई प्रकार की कमियां हैं, यदि इन्हें दूर कर दिया जाए तो कामकाज में सहूलियत होगी।

विजय प्रकाश सिंह, एआरटीओ प्रवर्तन।


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