करीबी दोस्त अवधेश के खोने का सेराज को है गम
तुम्हारी हिम्मत हूं मैं, तुम्हारी उम्मीद हूं मैं, तुम ¨चता ना करो, तुम्हारी हर लड़ाई लड़ने वाला, तुम्हारा भाई हूं मैं। यह पंक्तियां कहते हुए पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए अवधेश यादव के करीबी मित्रों में से एक नगर के हनुमानपुर निवासी सेराज अहमद की आंखें नम हो गई।
पीडीडीयू नगर(चंदौली): तुम्हारी हिम्मत हूं मैं, तुम्हारी उम्मीद हूं मैं, तुम ¨चता ना करो, तुम्हारी हर लड़ाई लड़ने वाला तुम्हारा भाई हूं मैं। यह पंक्तियां कहते हुए पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए अवधेश यादव के करीबी मित्रों में से एक नगर के हनुमानपुर निवासी सेराज अहमद की आंखें नम है।
शहीद अवधेश व सेराज बचपन के तो दोस्त नहीं हैं लेकिन अचानक दोनों की मुलाकात एक दिन वाराणसी में हुई थी। बातचीत में दोनों काफी करीबी हो गए थे। पुलवामा की घटना में अवधेश के शहीद होने की जानकारी हुई तो सेराज फफक कर रो पड़े। उन्होंने बताया कि दुनिया में कुछ रिश्ते हमें ईश्वर की तरफ से नहीं मिलते, बल्कि उन्हें हम खुद अपनी ¨जदगी के लिए चुनते हैं। उन्हीं में से एक रिश्ता है दोस्ती का। दोस्त हमारी खुशी में साथ नाचते हैं, तो गम में हाथ थामे रहते हैं।