तीन शिक्षक बर्खास्त, 3047 पर उच्च स्तरीय जांच
बीएड की फर्जी डिग्री पर पांच साल से परिषदीय विद्यालयों में नौकरी कर रहे तीन शिक्षकों को बीएसए ने बर्खास्त कर दिया। तीनों आजमगढ़ जिले के निवासी हैं। जबकि 2010 से 201
जितेंद्र उपाध्याय
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चंदौली : बीएड की फर्जी डिग्री पर पांच साल से परिषदीय विद्यालयों में नौकरी कर रहे तीन शिक्षकों को बीएसए ने बर्खास्त कर दिया। तीनों आजमगढ़ जिले के निवासी हैं। जबकि 2010 से 2018 तक नौकरी पाए 3047 शिक्षकों की शासन ने जांच बैठा दी है। इसके लिए जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने उच्च स्तरीय जांच को अपर जिलाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक और अपर निदेशक बेसिक शिक्षा को नामित किया है। शासन स्तर से जांच होने के फैसले पर शिक्षकों में हड़कंप मचा है।
2010 के दस हजार शिक्षकों की भर्ती 2014 में शुरू हुई। जिले में 400 पदों के सापेक्ष 172 शिक्षकों को नई नियुक्ति मिली। इसमें आठ शिक्षकों को पूर्व में ही फर्जी प्रमाण पत्र मिलने पर बर्खास्त किया गया था लेकिन तीन शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच रिपोर्ट तीन माह पूर्व बीएसए को प्राप्त हुई। इसमें तीनों की बीएड डिग्री फर्जी मिली। बीएसए ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा, लेकिन जानकारी होने के बाद से तीनों शिक्षक गायब चल रहे। इनमें बरहनी ब्लाक के प्रा.वि. महारानी बाकरपुर राकेश कुमार, नौगढ़ के प्रावि लेड़हा के रामअवध, सदर ब्लाक के कांटा प्रावि में रामप्रसाद हैं। इन शिक्षकों से वेतन की वसूली भी की जाएगी। ---------------------
वर्षवार जिले में हुईं नियुक्तियां
वर्ष 2013 में उर्दू के 26 शिक्षक, 2014 में 172, 2015 में उर्दू के 04, 2015 में दो बार नियुक्ति हुई इसमें 1073 और 198, 2016 में 196 और 24, 2017 में 8, 2018 में 144 और 1202 की नियुक्ति हुई है। कुल 3047 शिक्षकों को नई तैनाती मिली है। --------------------
शासन ने बैठाई जांच
शासन में पिछले दिनों नियुक्ति न पाने वाले अभ्यर्थियों ने शिकायत की थी कि नियुक्ति में मानकों का ध्यान नहीं रखा गया और कुछ लोगों के प्रमाण पत्र फर्जी हैं। हालांकि जिला स्तर से इनके प्रमाण पत्रों की जांच कराई जा रही लेकिन शासन ने इसका संज्ञान लिया और उच्च स्तरीय जांच का निर्देश दिया। इस क्रम मे 3047 शिक्षकों की जांच के लिए जांच टीम गठित हो गई है। ---------------------------
'शासन के पत्र पर डीएम ने एडीएम, अपर पुलिस अधीक्षक और एडी बेसिक को जांच के लिए नामित किया है, और जल्द से जल्द जांच पूरी करने का निर्देश दिया है।
डा. एके श्रीवास्तव, मुख्य विकास अधिकारी