निकला ताजिया का जुलूस, या हुसैन की गूंजीं सदाएं
मोहर्रम कि दसवीं तारीख शुक्रवार को शिया समुदाय के लोगों ने जंजीरी मातम किया। इस दौरान अंजुमन ब्लेड लगे जंजीर को नंगे बदन पर मारकर लहूलुहान हो गए। एक कतार में खड़े होकर या हुसैन, या हुसैन सदाओं के साथ चारों तरफ खून के छीटें दिखाई पड़ रहे थे।
जागरण संवाददाता, चंदौली : मोहर्रम कि दसवीं तारीख को जनपद में मुस्लिम समुदाय की ओर से जंजीरी मातम कर देर शाम को ताजिए कर्बला में दफन किए गए। कई स्थानों पर तिरंगे रंग में भारत के नक्शे बने ताजिये आकर्षण का केंद्र बने रहे। नौजवानों ने देश प्रेम का जज्बा भी दिखाया। सर्व धर्म के लोगों ने ताजियों को देख युवाओं के सोच की सराहना की। मोहर्रम के मद्देनजर स्थानीय पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहा। स्थानीय नगर में भी ताजियों का भ्रमण हुआ। युवाओं की टोली मातम करते हुए नगर की गलियों से गुजरी। मातम देखने को लोगों का हुजुम उमड़ पड़ा। नगर के पुरानी बाजार, झांसी, मझवार, जसौली, मुस्तफापुर, जमोखर, नेगुरा आदि गांवों में ताजिया कर्बला में दफन किए गए। नगर पंचायत सैयदराजा में ताजिए मुख्य बाजार से होते हुए जीटी रोड से बड़ा चौक पर पहुंचे। यहां ताजियों का मिलन होने के बाद चौक के लिए प्रस्थान कर गए। देर शाम ताजियों को कर्बना में दफन किया गया।
पीडीडीयू नगर में मोहर्रम की दसवीं तारीख शुक्रवार को इमाम चौकों से ताजिया का जुलूस निकला। अपने अपने कदीमी रास्तों से गुजरते हुए कर्बला के मैदान में ले जाकर दफन किया गया। इस दौरान चारों तरफ या हुसैन, या हुसैन की सदाएं गूंजती रहीं। अलग अलग अंजुमनों व अखाड़ों द्वारा तरह तरह के करतब बाजी भी दिखाई गई। शिया समुदाय के लोगों ने जंजीरी मातम किया। नगर क्षेत्र में कसाब महाल, शाहकुटी, महमूदपुर, पथरा, प्लांट डिपो, इस्लामपुर, अलीनगर आदि सहित अन्य जगहों से मोहर्रम का जुलूस निकाला गया। बाजार से होते हुए मुगलचक अलीनगर स्थित कर्बला के मैदान में ले जाया गया। जहां ताजिया ठंडी करने का क्रम देर रात तक चलता रहा। मलोखर, कुण्डा कला, सतपोखरी, महाबलपुर, शकुराबाद, भिसौड़ी आदि स्थानों से ताजिया का जुलूस निकला जो अलग अलग कर्बला के मैदानों में ले जाकर दफन किया गया। इस दौरान जुलूस देखने को भारी संख्या में लोग उमड़े। अलीनगर जीटी रोड पर स्थित कर्बला मैदान पर शुक्रवार की देर रात तक ताजिया दफनाने को भीड़ लगी रही। कर्बला के मैदान से चकिया त्रिमुहानी तक भीड़ का नजारा देखने को मिला।
धानापुर प्रतिनिधि के अनुसार- मोहर्रम क्षेत्र में शांतिपूर्ण और शौहार्दपूर्वक ढंग से मनाया गया। मोहर्रम के नवीं गुरुवार की रात सभी गांव के चौक पर ताजिया बैठाया गया जहां औरतों ने फातेहा पढ़ी और बच्चों ने डंडी खेल कर या हसन या हुसैन की नारे तकबीर किया।
नियामताबाद प्रतिनिधि के अनुसार: क्षेत्र के गोधना, चंदरखा, हमीदपुर, ताहिरपुर, पचोखर, धपरी, बरहुली, रेमा, लौंदा सहित अन्य जगहों से ताजिया का जुलूस निकाला गया। जुलूस में करतबाजी करते हुए लोग चल रहे थे। वहीं नियामताबाद से निकले ताजिये के जुलूस पर ¨हदू धर्म के लोगों ने फूल की वर्षा कर मुस्लिम बंधुओं का स्वागत किया।
चकिया प्रतिनिधि के अनुसार- मोहर्रम के अवसर पर शुक्रवार को ताजिया का जुलूस चकिया व नौगढ़ तहसील क्षेत्र के विभिन्न गांवों में निकाला गया। चौक पर रखे गये ताजिए को मातम के साथ लेकर चलने का दौर तीसरे पहर शुरू हुआ। देर शाम कर्बला में पहुंचकर ताजिया ठंडा हुए। इमाम चौक पर सदर मुश्ताक अहमद खान ने कहा 9 वीं व 10 वीं की मोहर्रम का रोजा रखने वाले लोगों को दो वर्ष के रोजे जितना सबाब मिलता है। सिकंदरपुर, सरैया बसाढ़ी, बरहुआ, इलिया में रंजोगम के बीच ताजिया निकाला गया। शहाबगंज, बबुरी व नौगढ़ के विभिन्न गांवों में मोहर्रम शांति पूर्वक मनाया गया।
सकलडीहा प्रतिनिधि के अनुसार- कस्बा सहित आसपास कई गांवों से मुहर्रम पर शुक्रवार को मुस्लिम भाई ताजिया लेकर कर्बला पहुंचे। हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की तस्वीर दिखी। सकलडीहा, नईबाजार, बथावर, कादिराबाद, खडे़हरा, तुलसी आश्रम, तेनुवट व चतुर्भुजपुर सहित आसपास के गांवों में एक दर्जन से अधिक ताजिया चौक पर बैठाया गया।
दुर्गावती प्रतिनिधि के अनुसार- यूपी बिहार बार्डर पर हर वर्ष की भांति शुक्रवार को अहले सुबह नौबतपुर स्थित कर्मनाशा नदी पुल पर मोहर्रम के दसवीं तारीख को यूपी बिहार के तीन ताजियों के मिलन का रस्मों रिवाज की परंपरा कायम हुई सैकड़ों की संख्या में यूपी के नौबतपुर एवं बिहार के खजुरा सरैयां के हिन्दु मुस्लिम बन्धुओं ने आपसी मुहब्बत व भाईचार की मिशाल पेश की। लिया जायजा
पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ¨सह ने शुक्रवार को मुहर्रम को सकुशल संपन्न कराने को इलिया कस्बा सहित आसपास के क्षेत्रों का जायजा लिया। बिहार से आने वाले ताजिया पर विशेष नजर रखने की हिदायत दी।