दिवाली पर मिलावटखोर बिगाड़ रहे लोगों की सेहत, विभाग बेखबर
खाने-पीने की वस्तुओं में मिलावटखोरी चरम पर है। दिवाली का पर्व नजदीक है। ऐसे में अधिक मुनाफा कमाने के लिए मिलावटखोर मिठाई व खाद्य पदार्थों में मिलावट कर लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं लेकिन खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन बेखबर है।
जागरण संवाददाता, चंदौली : खाने-पीने की वस्तुओं में मिलावटखोरी चरम पर है। दिवाली का पर्व नजदीक है। ऐसे में अधिक मुनाफा कमाने के लिए मिलावटखोर मिठाई व खाद्य पदार्थों में मिलावट कर लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, लेकिन खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन बेखबर है। विभाग के पास पर्व पर मिलावटखोरी रोकने के लिए कोई खास योजना नहीं है। अधिकारियों के अनुसार, आम दिनों की भांति अभियान चलाकर दुकानों में खाद्य पदार्थों की जांच की जाएगी।
कोरोना काल में करीब चार माह तक मिठाई की दुकानें व रेस्टोरेंट बंद रहे। इससे दुकानदारों को काफी घाटा हुआ। दुकान खुलने के बाद घाटे की भरपाई अब मिलावटखोरी के जरिए की जा रही है। जिला अस्पताल के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं। अस्पताल में रोजाना करीब दो दर्जन मरीज फूड प्वाइजनिग से आ रहे हैं। अधिकांश दुकान की मिठाई व बाहर का सामान खाकर बीमार पड़े होते हैं। खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन इससे भलीभांति वाकिफ है। लेकिन दुकानदारों के खिलाफ सख्ती नहीं की जा रही है। इससे मिलावटखोरी पर लगाम नहीं लग पा रही है। दुकानदार मिठाई में खोया के स्थान पर आरारोट व आटा की मिलावट कर रहे हैं। वहीं खाने के रंगों के स्थान पर रंगरोगन में इस्तेमाल होने वाले रासायनिक रंगों का प्रयोग किया जा रहा है।
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खोवा मंडी तक ही सीमित है कवायद
खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन की कवायद सिर्फ खोवा मंडी तक ही सीमित है। विभाग की टीम अक्सर खोवा मंडी में छापेमारी कर कर्तव्यों की इतीश्री कर लेती है। मिठाई व किराना के दुकानदारों के खिलाफ कोई खास सख्ती नहीं बरती जा रही है। अक्टूबर माह में मात्र 13 दुकानों से सैंपल लिया गया, जबकि छह दुकानदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। विभाग की ओर से चलाया जा रहा जागरूकता अभियान भी हवा-हवाई ही है। ऐसे में लोगों को खाद्य पदार्थों में मिलावट की पहचान नहीं कर पा रहे हैं।
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माह में कभी-कभार आती है फूड सेफ्टी वैन
खाद्य पदार्थों की जांच करने में सक्षम फूड सेफ्टी वैन माह में कभी-कभार ही आती है। विभाग के अधिकारी-कर्मचारी वैन के साथ भ्रमण करते हैं। वैन में स्थित प्रयोगशाला में मिठाई, खाद्य पदार्थ व फल आदि की जांच की जाती है। रिपोर्ट में मिलावट पाए जाने पर दुकानदारों को ऐसा न करने की हिदायत दी जाती है। लेकिन लगातार अभियान न चलाए जाने से दुकानदारों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा।
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वर्जन :
दिवाली के मद्देनजर कोई खास योजना नहीं है। खाद्य पदार्थों की दुकानों की जांच की जाएगी। अक्टूबर माह में जिले में 13 सैंपल लिए गए थे। छह दुकानदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।
-आरएल यादव, अभिहित अधिकारी, खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन