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नक्सल क्षेत्र की पहाड़ियों पर लहलहाएगी औषधि की फसल

नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पहाड़ियों पर औषधीय पौधों की फसल लहलहाएगी। वन विभाग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। कृषि वानिकी योजना के तहत जयमोहनी रेंज में एक हेक्टेयर भूमि में हरीतिमा पौधशाला में पौधों की नर्सरी तैयार की गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 07:17 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 07:17 PM (IST)
नक्सल क्षेत्र की पहाड़ियों पर लहलहाएगी औषधि की फसल
नक्सल क्षेत्र की पहाड़ियों पर लहलहाएगी औषधि की फसल

जासं, नौगढ़ (चंदौली) : नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पहाड़ियों पर औषधीय पौधों की फसल लहलहाएगी। वन विभाग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। कृषि वानिकी योजना के तहत जयमोहनी रेंज में एक हेक्टेयर भूमि में हरीतिमा पौधशाला में पौधों की नर्सरी तैयार की गई है। पौधारोपण की प्रक्रिया भी आरंभ हो चुकी है। विभाग की ओर से 50 हजार पौधों के रोपण के लिए गड्ढों की खोदाई का काम पूरा कर लिया गया है।

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पहाड़ियों पर अवैध खनन वन विभाग के लिए चुनौती बना है। विभाग की ओर से खनन माफियाओं को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। वहीं पहाड़ियों को औषधि पौधों से आच्छादित करने की योजना बनाई है। पहाड़ियों पर वृक्ष होने से अवैध खनन पर लगाम लगेगी। वहीं पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। वन विभाग ने नौगढ़ क्षेत्र के जयमोहनी रेंज की पहाड़ियों पर 1.75 औषधीय पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा है। इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है। कृषि वानिकी योजना के तहत हरीतिमा पौधशाला का निर्माण किया गया है। यहां पौधों की नर्सरी तैयार हो चुकी है। इसके अलावा चंद्रप्रभा और नौगढ़ रेंज में भी चार-चार हेक्टेयर भूमि में औषधीय पौधों की नर्सरी तैयार की गई है। पहाड़ी इलाके में पौधारोपण के लिए अब तक करीब 50 हजार गड्ढों की खोदाई का काम भी पूरा कर लिया गया है। वहीं पाली हाउस में औषधीय पौधों की नर्सरी तैयार हो रही है। पौधों को विपरित मौसम के प्रकोप से बचाने के लिए पाली हाउस का निर्माण कराया गया है। सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद नर्सरी की नियमित सिचाई की जाती है। वहीं समय-समय पर गोबर की खाद और अन्य तरीके के रसायनों का छिड़काव कराया जाता है। ताकि कीटों से पौधों को नुकसान न पहुंच सके।

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इनसेट

इन पौधों का होगा रोपण

वन विभाग की ओर से नर्सरी में खस, पामारोजा, लेमन ग्रास, आंवला, बेल, करौंदा, सहजन, हर्रा, बहेरा, अजवाइन के पौधे उगाए गए हैं। इन पौधों का पहाड़ियों पर रोपण कराया जाएगा। ग्रामीणों में भी पौधों का वितरण होगा। ताकि मैदानी इलाके में औषधीय पौधों की खेती के प्रति प्रोत्साहित किया जा सके।

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वर्जन :

पहाड़ियों पर औषधीय पौधों की खेती कराई जाएगी। 1.75 लाख पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है। पौधों की नर्सरी तैयार हो चुकी है। वहीं 50 हजार गड्ढों की खोदाई का काम पूरा हो चुका है।

डीएन सिंह, उप प्रभागीय वनाधिकारी


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