देश का सबसे शक्तिशाली इंजन पीडीडीयू जंक्शन से रवाना
देश का सबसे शक्तिशाली इंजन पीडीडीयू जंक्शन से रवाना हुआ बरवाडीह
जासं, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : इंडियन रेलवे व यूरोपियन कंपनी एलेस्ट्रोम के साथ मिलकर बिहार के मधेपुरा फैक्ट्री में बना देश का सबसे शक्तिशाली इंजन मंगलवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से होकर गुजरा। यहां से लोडेड मालगाड़ियों की 118 रैक को लेकर इंजन बरवाडीह के लिए रवाना हुआ। भारतीय रेलवे भारत में लोकोमोटिव में निर्मित अपने सबसे शक्तिशाली 12000 एचपी का परिचालन करता है। डेडिकेटेड फ्रेट कारीडोर पर माल ढुलाई के लिए इंजन इस्तेमाल किया जाएगा। यह उच्च अश्व शक्ति वाले लोकोमोटिव का उत्पादन करने वाले कुलीन वर्ग में शामिल होने वाला दुनिया का 6वां देश बन गया।
बिहार में मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोको फैक्ट्री में मेक इन इंडिया की तर्ज पर इंडियन रेलवे और यूरोपियन कंपनी एलेस्ट्रोम के साथ मिलकर बनाया गया है। भारत लोकोमोटिव में निर्मित पहले 12 हजार हार्स पावर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से परिचालन में लाया गया। इंजन का नाम डब्ल्यूएजी-12 नंबर 60027 है। यह ट्रेन पूर्व मध्य रेलवे के धनबाद मंडल के लिए दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन से 14.08 बजे लंबी दूरी के लिए रवाना हुई, जिसमें 118 वैगन शामिल थे। पीडीडीयू से डेहरी-ऑन-सोन होते हुए बरवाडीह तक जाएगी। इस इंजन की खासियत यह है कि यह डीपी फाग वाचिग डिवाइस से लैस है जिससे कोहरे में भी रफ्तार कम नहीं होगा। इंजन 100 किमी प्रति घंटे से मालगाड़ी के रैक को खींच सकेगा। इसके अलावा पहाड़ी इलाकों में ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाले दो इंजनों की जगह अब पॉवरफुल इंजन अकेले की काफी होगा। सबसे खास बात यह है कि दुर्घटना की स्थिति में इंजन का इमरजेंसी ब्रेक खुद ही लग जाएगा। अब तक भारत में अधिकतम साढ़े तीन हजार टन वजन खींचने वाला इंजन बनता था, जबकि मधेपुरा में बने इस इंजन की क्षमता 6 हजार टन वजन खींचने की है। यह मंडल के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इस नए पॉवरफुल इंजन से काफी लाभ मिलेगा। सबसे अधिक सहूलियत माल ढुलाई में होगी। दो की बजाए अब एक ही इंजन काफी होगा। भारत का पहला पॉवरफुल इंजन है।
-पंकज सक्सेना, डीआरएम, पीडीडीयू मंडल।