भ्रष्टाचार के खिलाफ धरना बना राजनीति का अखाड़ा
भ्रष्टाचार के खिलाफ वन विभाग की ट्रांजिट शुल्क चौकी बगहीं के पास चल रहा भाजपा व ग्रामीणों का धरना रविवार को राजनीति का अखाड़ा बन गया। धरने को समर्थन देने पहुंचे सैयदराजा विधायक मनोज ¨सह डब्लू का यहां विरोध शुरू हुआ तो उन्होंने धरने को भ्रष्टाचार बढ़ाने वाला आंदोलन करार दे दिया। आरोप लगाया पुलिस ने उन्हें धरनास्थल जाने से रोका, क्षेत्रवासियों का बैनर हटाया जाए अन्यथा भ्रष्टाचार के खिलाफ समर्थकों संग धरना शुरू होगा। कुछ देर बाद डीएफओ मनोज खरे ने धरनारत लोगों से मुलाकात कर तीन सदस्यीय समिति गठित कर जांच कराने का भरोसा दिया तो धरना तो समाप्त हुआ। हालांकि आंदोलनकारी कथित भ्रष्टाचार पर विराम न लगने पर फिर से आंदोलन करने की चेतावनी दी।
जागरण संवाददाता, चंदौली : भ्रष्टाचार के खिलाफ वन विभाग की ट्रांजिट शुल्क चौकी बगहीं के पास चल रहा भाजपा व ग्रामीणों का धरना रविवार को राजनीति का अखाड़ा बन गया। धरने को समर्थन देने पहुंचे सैयदराजा के पूर्व विधायक मनोज ¨सह डब्लू का विरोध शुरू हुआ तो उन्होंने नए सिरे से भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ने की हुंकार भरी। आरोप लगाया पुलिस कर्मियों ने उन्हें धरना स्थल जाने से रोका है। डीएफओ मनोज खरे ने धरनारत लोगों से मुलाकात कर तीन सदस्यीय समिति गठित कर जांच कराने का भरोसा दिया तो धरना तो समाप्त हुआ। हालांकि आंदोलनकारियों ने कथित भ्रष्टाचार पर विराम न लगने पर फिर से आंदोलन करने की चेतावनी दी।
भाजपा पंचायत प्रकोष्ठ काशी क्षेत्र के सह संयोजक महेंद्र ¨सह, समर्थक व ग्रामीण वन विभाग के खिलाफ तीन दिनों से धरने पर बैठे हैं। आरोप है कि बालू लदे ट्रकों के सही बिलों को विभाग नहीं मानता और फर्जी बिल, बिल्टी बनवाकर ट्रकों से अवैध वसूली की जा रही है। इसकी जांच होनी चाहिए। भ्रष्टाचार को निशाना बनाकर शुरू किए गए धरने को समर्थन देने पहुंचे पूर्व विधायक को धरना स्थल पर आने ही नहीं दिया गया। इससे नाराज पूर्व विधायक की पुलिस से कहासुनी हुई। आरोप लगाया पुलिस ने उन्हें धरना स्थल नहीं जाने दिया। बैनर में समस्त क्षेत्रवासी लिखा है, उस हैसियत से वे वहां जा रहे हैं। बोले इस सरकार में अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। वे सोमवार को जिलाधिकारी मिलकर जांच की मांग करेंगे। पूर्व विधायक और धरनारत लोगों में टकराव की स्थिति देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल पहुंच गया और किसी तरह दोनों पक्षों को शांत किया गया। प्रभागीय वनाधिकारी ने कमेटी गठित कर जांच कराने की बात कही है।